7 लोगों की हत्यारिन महिला को आजाद भारत में मिलेगी फांसी
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो हत्यारोपी शबनम और उसके प्रेमी सलीम को गिरफ्तार कर लिया गया।
मेरठ। जनपद से एक अत्यंत चौकाने वाला मामला सामने आया है। आजाद भारत में अब तक के इतिहास में जो नहीं हुआ है उसे दोबारा से लिखते हुए अदालत ने वह निर्णय दिया है। जिसके बाद न्याय क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखते हुए आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी दी जाएगी। इससे पहले फांसी की सजा पाई बंदी शबनम ने महामहिम राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी। लेकिन उसकी दया याचिका को खारिज कर दिया गया था। अब इसके बाद हत्यारोपी महिला को फंदे पर लटकाया जाएगा।
दरअसल मामला प्रदेश के अमरोहा जनपद से जुडा हुआ है। जनपद निवासी महिला शबनम अपने प्रेमी सलीम से विवाह करना चाहती थी, लेकिन उसका परिवार इसकी इजाजत नहीं दे रहा था। जिसके चलते वर्ष 2008 में शबनम ने बहुत ही हौलनाक कदम उठाते हुए अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के सात लोगों को पहले तो जहर दिया, उसके बाद उनकी हत्या कर दी। इस दिल दहला देने वाली घटना से समूचा उत्त्तर प्रदेश दहल उठा था। उस समय सत्ता की कमान संभाल रही बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया था।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो हत्यारोपी शबनम और उसके प्रेमी सलीम को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद मामला शीशें की पूरी तरह से साफ हो गया। हालांकि पुलिस अदालत के सामने परिवारजनों को जहर देने की बात नहीं सिद्ध कर सकी, जिसके बाद लगने लगा था कि शायद 7 परिवारजनों की हत्यारोपी शबनम की रिहाई हो सकती है। लेकिन बाद में 7 लोगो की हत्या किया जाना सिद्ध होने के बाद न्यायालय ने हत्यारोपी दोनों पति-पत्नी को मौत की सजा सुना दी। जेल में बंद रहने के दौरान शबनम ने एक बच्चे को भी जन्म दिया। उसके बाद बच्चे की देखरेख को लेकर भी कोई पारिवारिक सदस्य न होने के कारण फांसी मिलने में देरी हुई। शबनम की तरफ से इसी दौरान महामहिम राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी गई, लेकिन वहां से भी उसे कोई राहत नहीं मिली। महामहिम राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज कर दी गई। दया याचिका खारिज होने के बाद अब शबनम और उसके प्रेमी को फांसी देना निश्चित हो गया है। अभी शबनम के बच्चे की देखगरेख एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा की जा रही है।
7 परिवारजनों की हत्यारिन शबनम को मथुरा स्थित कारागार में फांसी दी जाएगी। इसके लिए पवन जल्लाद ने मथुरा जाकर फांसी स्थल का जायजा लिया है। गौरतलब है कि फांसी देने का स्थान वैसे तो प्रदेश में बहुत सारी जेलों में है लेकिन महिला को फांसी देने का स्थान केवल मथुरा में है, जिसे ब्रिटिशकाल में अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया था। फांसी देने में माहिर पवन जल्लाद दो बार मथुरा जाकर फांसी स्थल का जायजा ले चुका है, जिससे यह उम्मीद लगाई जा रही है कि शबनम को अब जल्द ही फांसी दे दी जाएगी।
कुदरत का करिश्मा कहें या करनी का फल, प्रेम सागर में पूरी तरह गहरे तक डूब चुकी जिस शबनम ने प्रेमी के साथ जीने-मरने की कसमें खाकर अपने ही पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया था, उसी शबनम को अब अलग जेल में फांसी दी जाएगी और उसके पति को अलग जेल में। क्योंकि महिला फांसी का स्थान सिर्फ मथुरा जेल में है और प्रेमी-प्रेमिका शबनम और सलीम मेरठ जेल में सजा काट रहे हैं।