मुकदमे में खेला करने की दरोगा को मिली सजा- 5 साल भोगेगा जेल
आपराधिक मामलों में पकड़कर लोगों को जेल भेजने वाले दरोगा को अब खुद कारागार में रहकर 5 साल की सजा काटनी पड़ेगी।
मेरठ। आपराधिक मामलों में पकड़कर लोगों को जेल भेजने वाले दरोगा को अब खुद कारागार में रहकर 5 साल की सजा काटनी पड़ेगी। दहेज उत्पीड़न के मुकदमे में खेला करने के मामले में 12 साल बाद आए फैसले में अदालत द्वारा भ्रष्टाचारी दरोगा को 5 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
दरअसल लखनऊ के रहने वाले दरोगा संतोष कुमार सिंह पुत्र देवनारायण सिंह पर वर्ष 2011 में गाजियाबाद के रहने वाले धीरेंद्र सिंह पुत्र धर्मपाल ने दहेज उत्पीड़न के मामले में खेल करने का आरोप लगाया था।
गौतम बुद्ध नगर थाने में वर्ष 2011 में दर्ज कराई रिपोर्ट में धीरेंद्र सिंह ने बताया था कि उसकी बहन की शादी नोएडा के रहने वाले गजेंद्र से 2008 में हुई थी। इस मामले को लेकर गाजियाबाद थाने में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया गया था।
लेकिन तत्कालीन दरोगा संतोष कुमार सिंह ने इस मामले में रिश्वत लेने के बाद जांच में बदलाव कर दिया। धीरेंद्र ने दरोगा पर एक लाख रुपए की रिश्वत लेकर जांच में बदलाव करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।
12 साल बाद सुनाए गए फैसले में अदालत द्वारा दोषी पाए गए दरोगा को 5 साल की सजा सुनाई गई है। अपर जिला जज विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मेरठ न्यायालय के न्यायाधीश प्रहलाद सिंह द्वितीय ने यह फैसला सुनाया है।