दहेज के लिये उत्पीड़न और आत्महत्या के मामले में पति को सात साल की कैद

उत्पीड़न कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में पति योगेश को 7 वर्ष की कैद और ₹10000 का जुर्माना किया।

Update: 2021-02-10 06:45 GMT

बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एडीजे फास्ट ट्रेक न्यायालय कक्ष संख्या दो की अदालत ने दहेज के लिए पत्नी का उत्पीड़न कर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने एवं सबूत मिटाने के आरोप में पति योगेश को 7 वर्ष की कैद और ₹10000 का जुर्माना किया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार ग्राम सदरपुर थाना कवि नगर जिला गाजियाबाद के राजवीर सिंह ने 21 जनवरी 2012 को अगौता थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पुत्री दीना का विवाह योगेश के साथ हुआ था। विवाह के बाद से ही ससुराल में कम दहेज लाने के लिये प्रताड़ित किया जाता था। पिता का आरोप है कि 19 जनवरी को पति योगेश व ससुर बिजेंदर के उत्पीड़न से , तंग दीना ने आत्महत्या कर ली। सबूत मिटाने के लिए पति और ससुर ने उसे जला दिया।

पुलिस ने पति योगेश ससुर बिजेंदर के विरुद्ध आईपीसी की धारा 306 व 201 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर योगेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

एडीजे फास्ट ट्रैक न्यायाधीश ब्रजेश कुमार ने सबूत और गवाहों के बाद योगेश को पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने व सबूत मिटाने का दोषी करार दिया। योगेश के पिता को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। एडीजे ने योगेश को 7 वर्ष की कैद की सजा सुनाते हुए मंगलवार को 10000 का जुर्माना भी लगाया।

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