अस्पताल घोटाला- ईडी ने कोलकाता, हावड़ा में कई स्थानों पर की छापेमारी

कथित बलात्कार और हत्या के एक अन्य मामले में सीबीआई ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।

Update: 2024-09-06 09:20 GMT

कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरजी कर अस्पताल में वर्ष 2021 में कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में शुक्रवार को कोलकाता और पड़ोसी जिलों में इस अस्पताल के गिरफ्तार पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर सहित कई स्थानों पर तलाशी अभियान शुरू किया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। एक सूत्र ने बताया कि ईडी के जांचकर्ता सुबह-सुबह चार समूहों में निकले और एक टीम पूर्वी कोलकाता के बेलियाघाटा में घोष के आलीशान घर पहुंची, जहां प्रवेश से पहले अधिकारियों को घंटों इंतजार करना पड़ा।

सूत्रों ने बताया कि ईडी ने हावड़ा के सालकिया में गिरफ्तार आरोपी विक्रेता बिप्लब सिन्हा पास में रहने वाले उसके करीबी साथी कौशिक नाग और उत्तर 24 परगना के मध्यमग्राम में घोष के करीबी सहयोगी प्रसून चटर्जी के घर की भी तलाशी ली। अस्पताल के पूर्व अधीक्षक अख्तर अली द्वारा दायर एक याचिका के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो को इस मुद्दे की जांच करने के लिए कहा गया था, जिसके बाद ईडी आर जी कर अस्पताल में कथित वित्तीय घोटाले में धन के लेन-देन की जांच कर रही है।

ईडी ने आपराधिक मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर घोष के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को सरकारी अस्पताल में कथित वित्तीय घोटाले की जांच राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने घोष को सोमवार रात को गिरफ्तार किया था और अगले दिन एक विशेष अदालत ने उन्हें जांच एजेंसी की आठ दिन की हिरासत में भेज दिया था। सीबीआई ने घोष,सिन्हा और दो अन्य को इस मामले के सिलसिले में 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था। वर्तमान में सीबीआई की हिरासत में दो अन्य है उनमें घोष के अंगरक्षक अफसर अली और सिन्हा की तरह का निजी विक्रेता सुमन हाजरा शामिल हैं।

आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को अपने कार्यस्थल पर 31 वर्षीय महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या के एक अन्य मामले में सीबीआई ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। उच्च न्यायालय ने 14 अगस्त को संघीय एजेंसी को बलात्कार और हत्या की जांच करने का निर्देश दिया, मामले को कोलकाता पुलिस से स्थानांतरित कर दिया, जिसने पुलिस से जुड़े एक नागरिक स्वयंसेवक, संदिग्ध संजय रॉय को गिरफ्तार किया था।

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