चला हाईकोर्ट का हंटर- भगवान तुल्य पिता को हर हाल में देना होगा गुजारा भत्ता
नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में बेटे को आदेश दिया है कि भगवान तुल्य बुजुर्ग पिता को गुजारे के लिए उसे रकम देनी ही होगी। हाईकोर्ट ने परिवार अदालत के उस फैसले पर अपनी मोहर लगाई है जिसमें बेटे को अपने पिता को हर महीने भरण पोषण के लिए₹ 3000 रुपए देने का आदेश दिया था। पिता को पैसे देने में आनाकानी कर रहे कलयुगी बेटे ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट ने मनोज नाम के शख्स द्वारा दाखिल की गई याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए बेटे को हर हाल में अपने बुजुर्ग पिता को गुजारे के लिए रकम देने का आदेश दिया है।
हाई कोर्ट ने आज परिवार अदालत के उस फैसले पर अपनी मोहर लगाई है जिसमें बेटे को आदेश दिया गया था कि उसे अपने पिता को हर महीने 3000 रुपए भरण पोषण के लिए देने होंगे।
जस्टिस सुभाष चंद्र ने अपने फैसले में कहा है कि हालांकि दोनों पक्षों द्वारा पेश किए गए सबूत से इस बात का पता चलता है कि पिता के पास कुछ कृषि भूमि है। फिर भी वह बुढ़ापे की वजह से उस भूमि पर खेती-बड़ी करने में लाचार है जिसके चलते वह आजीविका के लिए बेटे पर निर्भर है, जिसके साथ वह रहते हैं।
पिता ने पूरी संपत्ति में अपने छोटे बेटे को बराबर बराबर का हिस्सा दिया है। लेकिन 15 साल से अधिक समय से उनका भरण पोषण छोटे बेटे मनोज ने नहीं किया है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि भले ही पिता कुछ कमाते हो लेकिन अपने बूढ़े माता-पिता का भरण पोषण करना बेटे का पवित्र कर्तव्य है।