हाईकोर्ट ने सफाई इंस्पेक्टरों से खाद्य निरीक्षक का काम लेने के आदेश पर लगाई रोक
निरीक्षकों को ट्रेनिंग कराकर सफाई इंस्पेक्टर के साथ-साथ फूड इंस्पेक्टर का भी काम करने का निर्देश दिया था।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट की विशेष अपील बेंच ने एकल जज के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके द्वारा एकल जज ने प्रदेश के नगर निगमों एवं अन्य स्थानीय निकायों में कार्यरत सफाई निरीक्षकों को ट्रेनिंग कराकर सफाई इंस्पेक्टर के साथ-साथ फूड इंस्पेक्टर का भी काम करने का निर्देश दिया था।
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल जज के आदेश पर रोक लगाते हुए नगर विकास विभाग के सचिव तथा फूड सेफ्टी एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के सचिवों से दो सप्ताह में इस मामले में उनका व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्रा एवं जस्टिस एस क्यू एच रिजवी की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल विशेष अपील पर पारित किया है।
प्रदेश के स्थानीय निकाय की तरफ से दाखिल विशेष अपील में एकल जज के 21 मार्च 2023 के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें एकल जज ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह नगर निगमों के सेनेटरी इंस्पेक्टर्स को इस काम के साथ-साथ फूड इंस्पेक्टर का भी काम देने को लेकर ट्रेनिंग कराएं एवं अधिसूचना जारी करें। प्रदेश सरकार की तरफ से दाखिल विशेष अपील पर अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी एवं अपर मुख्य अस्थाई अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने पक्ष रखते हुए कहा कि प्रदेश के नगर निगमों एवं अन्य स्थानीय निकायों में कार्यरत सफाई इंस्पेक्टरों से फूड इंस्पेक्टर का काम नहीं लिया जा सकता क्योंकि इनकी नियुक्ति सेनेटरी इंस्पेक्टर का काम करने को लेकर हुई है न कि फूड इंस्पेक्टर का काम करने के लिए है।
कहा गया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 तथा फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड रूल्स 2011 के अमल में आने के बाद फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर का नया पद हो गया है और इसके लिए फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग बन गया है। इसी विभाग द्वारा फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर की नियुक्ति की जाती है और यह नियुक्ति अधिसूचना जारी होने के बाद किए जाने का प्रावधान है। बहस की गई की सेनेटरी इंस्पेक्टर्स जो नगर निगमों एवं अन्य स्थानीय निकायों में कार्यरत हैं, वे नगर विकास के कर्मचारी हैं अतः उनसे फूड इंस्पेक्टर्स का काम नहीं लिया जा सकता।
याची फूड इंस्पेक्टर्स की तरफ से अधिवक्ता अशोक खरे का कहना था कि सेनेटरी इंस्पेक्टर्स की शैक्षिक योग्यता फूड सेफ्टी ऑफिसर्स की शैक्षिक योग्यता के बराबर है। सेनेटरी इंस्पेक्टर की योग्यता फूड सेफ्टी ऑफिसर्स की योग्यता के समान कर दी गई है। इस कारण याची भी फूड इंस्पेक्टर का काम करने के लिए अर्ह हैं। कोर्ट ने इस मामले में सरकार की दी हुई दलीलों से प्रथम दृश्य सहमति जताते हुए एकल जज के आदेश के अमल पर रोक लगा दी है। कोर्ट इस विशेष अपील पर 23 जनवरी 2024 को सरकार का जवाब आने के बाद पुनः सुनवाई करेगी।
वार्ता