कांग्रेस ने भुवनेश्वर में ईडी कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन
स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को देश और दुनिया के लोगों के साथ साझा करना है।;
भुवनेश्वर, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को भुवनेश्वर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर मोदी सरकार पर मनमानी, प्रतिशोध और उत्पीड़न का आरोप लगाया गया।
कांग्रेस द्वारा राज्य भर के जिला मुख्यालयों पर भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास और भुवनेश्वर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वजीत दास ने किया।
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर मुकदमा चलाने के एजेंसी के फैसले का विरोध करते हुए सैकड़ों कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ईडी कार्यालय तक जुलूस निकाला।
श्री चरण दास ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्ति को अनुचित तरीके से जब्त कर लिया है और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मनमाना आरोप पत्र दायर किया है।
उन्होंने ईडी की कार्रवाई की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर ईडी ने गांधी परिवार के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया है। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को देश के कानूनों और कानूनी प्रावधानों का घोर उल्लंघन बताया।
उन्होंने कहा कि यंग इंडियन कंपनी एक गैर-लाभकारी संगठन है और इसके निदेशकों को कोई वेतन नहीं मिलता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कंपनी किसी भी व्यावसायिक लेनदेन में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड अखबार का प्राथमिक उद्देश्य भारत के स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को देश और दुनिया के लोगों के साथ साझा करना है।
श्री दास ने याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अखबार के प्रकाशन के लिए लखनऊ में अपनी पुश्तैनी जमीन दान की थी। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करने और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने की आलोचना करते हुए इसे बेहद निंदनीय बताया।
पीपीसी अध्यक्ष ने कहा, 'यह कोई कानूनी कार्रवाई नहीं है बल्कि कानून के शासन की आड़ में सरकार द्वारा प्रायोजित अपराध है।' उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी , लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ दायर आरोपपत्र सरकारी शक्ति का घोर दुरुपयोग दर्शाता है।
उन्होंने कहा 'यह लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष के निर्णय और भूमिका पर सीधा हमला है।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसका नेतृत्व मूकदर्शक बनकर नहीं बैठेगा।