हिस्ट्रीशीटर की हत्या के मुख्य आरोपी को अदालत ने सुनाई उम्रकैद

जिले में कोतवाली के हिस्ट्रीशीटर जमील बौरा की हत्या के मामले में कोर्ट ने मुख्य आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनायी है।

Update: 2024-10-30 13:44 GMT

इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कोतवाली के हिस्ट्रीशीटर जमील बौरा की हत्या के मामले में कोर्ट ने मुख्य आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनायी है। 11 साल पहले हुयी इस घटना के तीन आरोपियों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव चतुर्वेदी ने बुधवार को बताया कि उर्दू मोहल्ला की रहने वाली प्राची मिश्रा ने कोतवाली में अपने पति जमील बौरा की हत्या की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। दो सितम्बर 2013 को दर्ज करायी गयी उनकी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि वह अपने पति जमील बौरा के साथ बाइक पर सवार होकर रानी बाग मोहल्ले के रहने वाले मन्नू उर्फ सलाउद्दीन पुत्र मुन्ना पहलवान के बुलाने पर उससे पैसा लेने के लिए उसके घर गए थे। जब वह घर में घुसे तभी वहां पहले से मौजूद मन्नू उर्फ सलाउद्दीन, सलमान पुत्र इस्लाम, साजिद उर्फ लल्ला पुत्र रहीश, इस्लाम पुत्र लियाकत निवासी मेवाती टोला ने फायरिंग शुरू कर दी।

ताबड़तोड़ फायरिंग में जमील बौरा की मौत हो गई। गोलियों की आवाज सुनकर लोग पहुंचे, इससे हमलावर भाग निकले। पुलिस ने हत्या, हत्या के प्रयास की धाराओं में मामला दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। अपर जिला शासकीय संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि विवेचना करके पुलिस ने मन्नू उर्फ सलाउद्दीन, सलमान, साजिद उर्फ लल्ला व इस्लाम के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय में हुई।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव चतुर्वेदी के द्वारा पेश किए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट द्वितीय ने मन्नू उर्फ सलाउद्दीन को साक्ष्य के आधार पर दोषी पाया और उसको उम्र कैद की सजा सुनायी। साथ ही उसके ऊपर 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। जबकि कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सलमान, साजिद व इस्लाम को दोष मुक्त कर दिया।

वार्ता

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