दोस्त को बारात में नहीं ले जाना पड़ा महंगा- दूल्हे को भेजा 50 लाख का नोटिस
बाकायदा न्योता भेजकर दोस्त को बारात में चलने को बुलाया गया। लेकिन दोस्त के दूल्हे के घर पहुंचने से पहले की बारात निकल गई
हरिद्वार। बाकायदा न्योता भेजकर दोस्त को बारात में चलने को बुलाया गया। लेकिन दोस्त के दूल्हे के घर पहुंचने से पहले की बारात निकल गई। तयशुदा समय से पहले बारात ले जाने पर दोस्त को अपनी बेइज्जती महसूस हुई, जिसके चलते अब दोस्त ने दूल्हे को 50 लाख रूपये की मानहानि का नोटिस भेजा है। जैसे ही दूल्हे को 50 लाख रूपये की मानहानि का नोटिस प्राप्त हुआ तो वैसे ही उसके होश पूरी तरह से पाख्ता हो गए।
दरअसल उत्तराखंड के हरिद्वार के बहादराबाद के रहने वाले रवि ने बीती 23 जून को हुई अपनी शादी के दौरान बारात में चलने का न्योता अपने दोस्त चंद्रशेखर के पास भेजा था। बारात में चलने के लिए भेजे गए कार्ड में बारात के प्रस्थान का समय सांय 5.00 बजे निर्धारित किया गया था। दोस्त के शादी कार्ड और मौखिक तौर पर मोबाईल से बुलावे पर चंद्रशेखर नए कपड़े पहनकर तैयार होते हुए बारात में जाने के लिए निर्धारित स्थान पर 4 बजकर 50 मिनट पर पहुंच गया। लेकिन वहां जाकर पता चला कि बारात पांच बजे से पहले ही निकल चुकी है।
बारात के चले जाने से हक्का-बक्का खडा रहे गये चंद्रशेखर ने दोस्त दूल्हे रवि को फोन किया तो रवि ने बताया कि बारात बिजनौर जाने के लिए निकल चुकी है। दूल्हे ने अपने दोस्त से इतना भी कह दिया कि अब वह वापस चला जाए। दूल्हे की इस बात पर चंद्रशेखर को बहुत दुख पहुंचा और इससे उसे मानसिक प्रताड़ना भी हुई। बारात में नहीं ले जाने से चंद्रशेखर इतनी बुरी तरह आहत हुआ कि उसने अधिवक्ता अरुण भदोरिया के माध्यम से अपने दोस्त रवि को मानहानि का नोटिस भिजवा दिया।
मानहानि नोटिस में लिखा गया है कि बारात में नहीं ले जाने पर दूल्हा रवि 3 दिन के भीतर उससे माफी मांगे और हर्जाने के तौर पर उसे 50 लाख रुपए अदा करें। अगर दूल्हा रवि ऐसा नहीं करता है तो अदालत में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
नोटिस भेजने वाले अधिवक्ता अरुण भदौरिया का कहना है कि चंद्रशेखर स्वयं को इतना अपमानित महसूस कर रहा था कि वह आत्महत्या करने पर उतारू था। इसके बाद उन्होंने उसे न्याय दिलाने का भरोसा देकर आत्महत्या करने से रोका है।