सावन के पहले सोमवार को दक्ष मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़,

आज श्रावण के पहले सोमवार को तीर्थ नगरी के मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड पडा।

Update: 2022-07-18 11:21 GMT

हरिद्वार। आज श्रावण के पहले सोमवार को तीर्थ नगरी के मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड पडा। सुबह से ही श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा अर्चना करने मंदिरों में पहुंच रहे है। हरिद्वार में कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना करने को श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। कनखल में स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर को भगवान् शंकर की ससुराल कहा जाता है और यही वजह है कि सावन के महीने में श्रद्धालु भगवान शिव को बेलपत्र, भांग धतूरा, गंगाजल, दूध दही और शहद से अर्पण कर अपनी मनोकामनाएं पूरी करते है।

मान्यता है कि पूरे सावन के महीने में भगवान भोले नाथ दक्ष मंदिर में ही निवास करते है। मंदिर के मुख्य पुजारी महंत विश्वेश्वरपुरी के अनुसार राजा दक्ष ने अपने दामाद भगवान शिव को यज्ञ का निमंत्रण नही दिया था। अपने पति का अपमान देख माता सती ने यज्ञ कुंड में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। क्रोधित होकर भगवान शिव ने अपने गण वीरभद्र से राजा दक्ष का सिर धड़ से अलग करा दिया और उन्हे मुक्ति दिलाई। राजा दक्ष के अनुरोध पर भगवान शिव ने उन्हे बकरे का सिर लगाया और सावन माह में पूरे महीने दक्षेश्वर मंदिर में निवास करने का आशीर्वाद दिया। तब से लेकर आज तक भगवान शिव साल में एक महीने यही रहकर सृष्टि का संचालन करते है।

सावन के पहले सोमवार को लेकर आज शिवभक्तों में खासा उत्साह है। सुबह से ही बड़ी संख्या में दूर दूर से आये श्रद्धालु दक्ष मंदिर पहुँच रहे है। श्रद्धालुओं की भक्ति भावना के अनुसार दक्षेश्वर महादेव अपने भक्तो ही हर मुराद पूरी करते है। इसलिए श्रद्धालु गंगाजल, दूध, दही, शहद और भांग धतूरा अर्पित कर भगवान शिव को प्रसन्न करते है।

सावन मास और कांवड़ मेले को लेकर दक्ष मंदिर परिसर में प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए है। एसडीएम हरिद्वार पूरन सिंह राणा के मुताबिक मंदिर में चारो तरफ भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में बिजली, पानी और शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था भी की गई है। अधिकारियों द्वारा मौके पर जाकर निरिक्षण भी किया जा रहा है।

रिर्पोट- साजिद मलिक जिला प्रभारी खोजी न्यूज

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