यूपी पुलिस का सिपाही बना इतिहास का प्रोफेसर- कप्तान ने खिलाई मिठाई

सिपाही से प्रोफेसर बनने की कहानी सुनने के बाद आला पुलिस अफसर बेहद खुश नजर आ रहे है ।

Update: 2022-07-02 14:24 GMT

इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा के चंबल इलाके के बिठौली पुलिस थाने मे तैनात यूपी पुलिस के एक सिपाही के अपनी लगन मेहनत के बल पर प्रोफेसर बनने का सफर तय कर लिया है। सिपाही से प्रोफेसर बनने की कहानी सुनने के बाद आला पुलिस अफसर बेहद खुश नजर आ रहे है।

मूल रूप से एटा का रहने वाला सिपाही योगेश कुमार साल 2015 मे पुलिस सेवा मे आया था उसके बाद से लगातार उसकी कोशिश शिक्षा जगत मे आने की रही लेकिन असल कामयाबी इस साल मिल सकी है।

योगेश को अलीगढ के वार्ष्णेय महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद मिला है जिसको लेकर वो एसएसपी जयप्रकाश सिंह से मिल कर पुलिस सेवा से इस्तीफा देने के लिए आया था जहॉ पर एसएसपी ने मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया।

योगेश को कमशीन से अलीगढ के वाष्णेय महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद मिला है । सिपाही योगेश कुमार ने इटावा के एसएसपी से मिलकर पुलिस सेवा से त्याग पत्र देने के बाद अलीगढ मे सहायक प्रोफेसर के पद को ज्वाइन भी कर लिया है।

एसएसपी जयप्रकाश सिहं ने बताया कि अब पुलिस भर्ती में ऐसे युवा आ रहे हैं जो ड्यूटी के साथ निरंतर कम्पटीशन की तैयारी करते रहते हैं । ऐसे युवा आरक्षियों को हम लोग बराबर सहयोग करते हैं और उनको ऐसे थानों में तैनाती दी जाती है जहां उनपर अधिक वर्कलोड नहीं पड़ता है ।

इटावा के बीहडी पुलिस थाना बिठौली में तैनात एटा के निधौली कलां के ग्राम रसीदपुर के योगेश कुमार 2015 बैच में पुलिस विभाग मे आरक्षी पद पर भर्ती हुए थे । इससे पहले उन्होंने 2013 में आगरा कालेज से इतिहास विषय में परास्नातक पास किया थ । शिक्षक बनने का ख्वाब देखने वाले योगेश ने 2013 में नेट के परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी । उन्होंने 2015 जून में नेट परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली लेकिन इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी पद की भर्ती निकल आई ।

मध्यम वर्गीय परिवार के योगेश के पिता खेतीबाड़ी करते हैं । ऐसे में उत्तर प्रदेश पुलिस में निकली आरक्षी पद की भर्ती में योगेश ने अपना हाथ आजमाया और योगेश की ज्वाइनिंग आरक्षी पद पर उत्तर प्रदेश पुलिस में हो गई। शिक्षक बनने का सपना देखने वाले योगेश ने पुलिस में भर्ती होने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और पुलिस की ड्यूटी के साथ ही वे अपनी पढ़ाई को निरंतर जारी रखते रहे । इटावा में तैनाती मिलने के बाद योगेश ने कई थानों में ड्यूटी की लेकिन जब उच्चाधिकारियों को योगेश की काबिलियत के बारे में पता लगा तब योगेश की तैनाती इटावा मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर इटावा बॉर्डर पर बिठौली थाने में कर दी गई ।

सं प्रदीप

वार्ता

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