चाचा भतीजे को एक करने की फिर शुरू हुई कोशिश

सपा से शिवपाल के अलग होने से आहत महसूस कर रहे सुखराम अपने दर्द को दबा नहीं पाये।

Update: 2021-11-01 06:19 GMT

कानपुर। समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह यादव ने दावा किया कि पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिये बार बार सपा के साथ गठबंधन की बात कर रहे हैं। क्योंकि पार्टी में सभी का यह विश्वास है कि प्रसपा का साथ मिलने पर ही सपा को लाभ होगा।

मुलायम के करीबी एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखराम ने यूनीवार्ता से विशेष साक्षात्कार में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को यह नसीहत दी। उन्होंने कहा, "शिवपाल बार बार सपा के साथ गठबंधन की जो बात कर रहे हैं, वह नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की मंशा का ही नतीजा है। इसका असर अखिलेश पर कितना पड़ेगा, यह समय ही बतायेगा लेकिन यह बात सही है कि चुनाव में शिवपाल का साथ मिलने से सपा को बहुत लाभ मिलेगा।"

सपा से शिवपाल के अलग होने से आहत महसूस कर रहे सुखराम अपने दर्द को दबा नहीं पाये। चुनाव में उनकी अपनी भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा "सपा के गठन में जिन लाेगों ने योगदान दिया आज वह हाशिये पर रख दिये गये है। ऐसे नेताओं के मन और विचार में समाजवाद है, लेकिन उसे प्रकट नहीं कर पा रहे है। हम नहीं सोच पा रहे है कि सपा के मौजूद नेतृत्व के खिलाफ निर्णय लें अथवा उसके साथ अपना सफर जारी रखें।"

उन्होंने कहा "पार्टी के गठन से लेकर अब तक हमारे परिवार ने हर समय मुलायम सिंह का साथ दिया है। हम लोग जन्म से समाजवादी हैं। हम कहीं भी रहें ,समाजवादी विचारधारा से खुद को अलग नहीं कर सकते।"

सपा में वैचारिक बिखराव के सवाल पर सुखराम ने कहा कि मुलायम सिंह ने डा राम मोहर लोहिया की विचारधारा से प्रेरित होकर सपा का गठन किया था। अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि सपा, समाजवादी विचारधारा से भटक गयी है। उन्होंने नसीहत दी कि सपा यदि पुराने नेताओं को लेकर काम करेगी और अपने परिवार के शिवपाल सिंह जैसे लोगों को साथ लेकर चलेगी तो सत्ता में जरूर वापसी करेगी।

मौजूदा सरकार के अब तक के प्रदर्शन के सवाल पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुये सरकार के कामकाज पर संतोष व्यक्त किया। वरिष्ठ सपा नेता ने कहा " योगी के रूप में प्रदेश को ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जिसका अपना कोई परिवार नहीं है और पूरा प्रदेश उसका परिवार है। ऐसे लोग कम मिलते हैं जैसे योगी आदित्यनाथ है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के कार्यकाल को देखकर उसके भाग्य का फैसला जनता चुनाव में करेगी। "

गौरतलब है कि हाल ही में उनके पिता एवं सपा के संस्थापक सदस्य चौधरी हरिमोहन सिंह यादव की जन्मशती समारोह में मुख्यमंत्री योगी एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने शिरकत की थी। इस पर अपनी प्रतिक्रिया में सुखराम ने कहा "मेरे पिता प्रदेश के अग्रणी समाजवादी नेताओं में शुमार थे। हर दल के नेता उनका सम्मान करते थे। उनकी जयंती पर हर साल मुलायम और शिवपाल आते रहे हैं। इस बार नेताजी का स्वास्थ्य ऐसा नहीं था कि वह आ पाते जबकि शिवपाल के कार्यक्रम पहले से लगे हुये थे। इसलिये जो लोग आये, उनका स्वागत सम्मान करना हमारा धर्म है। जब यही लोग अन्य किसी नेता के घर किसी समारोह में जाते है तब कोई चर्चा नहीं होती।"

पुत्र मोहित यादव के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर सुखराम ने कहा कि यह बेटे का अपनी मर्जी से किया गया अपना फैसला है। उन्होंने कहा, "जहां तक मेरा सवाल है, तो मैं सपा कार्यकर्ता होने के नाते चुनाव में सपा प्रत्याशी का ही प्रचार करूंगा। अब यह पार्टी पर निर्भर करता है कि वह प्रचार में मेरा उपयोग करेगी अथवा नहीं।"

अगले साल राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल पूरा होने के बाद भविष्य की रणनीति के सवाल पर उन्होने कहा, "मेरी आस्था मुलायम सिंह यादव में है और नेता जी जब तक चाहेंगे तब तक सपा के कर्मठ सिपाही के तौर पर मैं अपना योगदान देता रहूंगा।"

सक्रिय राजनीति से मुलायम के अलग होने पर सपा में बिखराव की संभावना के सवाल पर उन्होने कहा कि यह भविष्य के गर्भ में छुपा है, लेकिन इतना तय है कि नेताजी के कारण आज पार्टी का हर छोटा बड़ा कार्यकर्ता एक सूत्र में बंधा हुआ है।

अगले साल विधानसभा चुनाव में सपा के प्रदर्शन के बारे में उन्होने कहा " बेशक प्रदेश में भाजपा के साथ लड़ाई में मुख्य रूप से सपा ही है। अब यह देखना है कि अन्य दलों को जोड़ कर उसका कितना लाभ सपा का मौजूदा नेतृत्व ले सकता है।"



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