हिरासत में सफाईकर्मी की मौत-आगरा जा रही प्रियंका को पुलिस ने रोका
प्रियंका गांधी वाड्रा का कहना है कि क्या पुलिस हिरासत में मारे गए दलित के लिए न्याय मांगना अपराध है?
लखनऊ। ताजनगरी आगरा में पुलिस हिरासत के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सफाई कर्मी की मां एवं उसके परिजनों के साथ मुलाकात करने जा रही कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को पुलिस घेराबंदी करते हुए आगरा जाने से रोक रही है। जिसके चलते मौके पर हंगामा खड़ा हो गया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव आगरा जाने पर अड़ी हुई है, जबकि पुलिस उनका रास्ता रोके खड़ी है। प्रियंका गांधी वाड्रा का कहना है कि क्या पुलिस हिरासत में मारे गए दलित के लिए न्याय मांगना अपराध है?
बुधवार को आगरा की जगदीशपुरा पुलिस की हिरासत में हुई सफाई कर्मी की मौत के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा अपने सहयोगियों के साथ सफाई कर्मी की मां एवं परिजनों से मुलाकात करने के लिए ताज नगरी आगरा जा रही थी। जैसे ही पुलिस को प्रियंका गांधी वाड्रा के आगरा जाने की खबर मिली, वैसे ही पुलिस अपने लाव लश्कर के साथ उनकी घेराबंदी करने के लिए पहुंच गई।
कारों के काफिले के साथ आगरा जा रही कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को पुलिस के अमले ने रास्ते में ही सड़क की घेराबंदी करते हुए रोक लिया। इस दौरान कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव के साथ आगरा जा रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक और झड़प भी हुई। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव आगरा जाने की जिद पर अड़ी हुई है। उनका कहना है कि वह पुलिस हिरासत में मरे अरुण वाल्मीकि के परिवार से मिलने आगरा जा रही थी। क्या पुलिस हिरासत में मारे गए दलित के लिए न्याय मांगना कोई अपराध है? उधर आगरा में मृत सफाई कर्मी के परिवार को सांत्वना देने के लिए पहुंचे कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के साथ मारपीट की गई है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू और उनकी टीम ने बीजेपी के नेताओं पर मारपीट किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सफाई कर्मचारियों से बातचीत के दौरान उनके ऊपर हमला किया गया है।
उल्लेखनीय है कि 16 अक्टूबर 2021 की रात जगदीशपुरा थाना परिसर में पिछला दरवाजा और खिड़की तोड़कर मालखाना में सेंध लगाई गई थी। मालखाना से 25 लाख रुपए चोरी हुए हैं। जिसकी जानकारी 17 अक्टूबर की सुबह हुई थी। जिससे पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है। पुलिस की कई टीमें इसकी छानबीन में जुटी थी। मंगलवार को पुलिस ने आरोपी सफाईकर्मी अरुण को दबोच लिया। उससे पूछताछ की गई। मंगलवार देर रात पुलिस ने अरुण की निशानदेही पर उसके घर से कुछ रुपये भी बरामद किए। मगर, तभी अरुण की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। वैसे इस मामले में एडीजी राजीव कृष्ण ने थाना की सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर थाना प्रभारी निरीक्षक अनूप कुमार तिवारी समेत 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए हैं।