पतियों के कत्ल पर चुप्पी क्यों? पुरूष आयोग की मांग- ऐसे हो रही हत्याएं

पुरूष आयोग बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी याचिका;

Update: 2025-04-20 12:23 GMT

पतियों की मौत पर चुप्पी क्यों? पुरूष आयोग की मांग- ऐसे हो रही हत्याएं

नई दिल्ली। आजकल देखा जा रहा है कि पतियों पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए विवाहित पुरूषों के दिलों में दहशत का माहौल पैदा हो रहा है। कभी अपने पति के टुकडे करके ड्रम में सीमेंट से लाश जमा दी जाती है तो कभी पति को मारकर सांप से डसवाया जा रहा है। औरेया में शादी के 14 दिन बाद ही पति का कत्ल करवाया तो वहीं बरेली में एक पत्नी ने चाय में चूहे की दवाई पिलाकर गला दबाकर हत्या कर दी और उत्तराखंड में एक पत्नी ने अपने पति की पेट्रोल से आग लगाकर हत्या कर दी। पिछले दिनों से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिससे पुरूष अब पुरूषों पर हो रहे उत्पीडन के खिलाफ जंतर-मंतर जैसे स्थानों पर एकत्रित होकर पुरूष आयोग बनाने की मांग पर मजबूर हो गये।

पुरूषों पर अत्याचार की कहानी का यही दी एंड नहीं होता क्योंकि आज तक कोई भी शख्य इंजीनियर अतुल सुभाष कांड को कोई भुला नहीं पाया ऐसा ही कांड आज यूपी में हो गया। मोनू ने पत्नी और ससुराल वालों द्वारा किये गये उत्पीडन से तंग आकर अपनी जान दे दी और अपील करत ेहुए कहा कि इंसाफ नहीं मिला तो उसकी अस्थियां नाली में बहा देना। एक रिपोर्ट के अनुसार बताया गया कि हजारों की संख्या में पुरूष झूठे मुकदमो व उत्पीडन से परेशान होकर आत्हत्याएं कर चुके हैं। पुरूष आयोग बनाने के लिये वर्ष 2023 में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की जा चुकी है, जो खारिज कर दी गई थी।

अब पुरूष कह रहे हैं कि पत्नियों द्वारा पतियों पर अत्याचार की हदें पार की जा रही हैं। ऐसे में पुरूष द्वारा कहा जा रहा है कि पुरूषों के लिये भी पुरूष आयोग बनाना जरूरी है। यहां तक कि महिला नेत्री साध्वी प्राची ने भी यह कहा है कि बेटा होना अपराध जैसा हो गया है। 15 टुकडे कर दिये जाते है। साध्वाी प्राची ने भी पुरूष आयोग बनाने की मांग उठाई है। कुछ पुरूषों द्वारा कहा जा रहा है कि पत्नी पर अत्याचार होता है तो पत्नी महिला आयोग जाती है थाने पर जाती है। इसके अलावा वह कह रहे हैं कि महिलाएं कानून का दुरूपयोग कर कुछ बेकसूर पतियों को झूठे मुकदमे दर्ज कराकर उन्हें परेशान कर रही हैं।

पिछले कई दिनों से दर्जनों पतियों से अधिक हुई हत्याओं को लेकर पुरूष समाज में रोष तो है ही लेकिन वही उनके दिल में डर का माहौल बना हुआ है क्योंकि पति और पत्नी का रिश्ता बड़ा ही विश्वास वाला होता है। यदि ऐसे ही घटनाएं सामने आती रहेंगी तो कहीं न कहीं पुरूष अपने पत्नी से भरोसा उठ जायेगा। पुरूष कह रहे हैं कि महिलाओं की कही हत्या हो जाती है तो आवाज उठाई जाती है लेकिन पुरूषों पर हो रहे अत्याचार को उठाने के लिये सभी को आगे आना चाहिए। कहीं न कहीं इन चीजो ंको लेकर मंथन करने की आवश्यकता है। पढ़िये खोजी न्यूज की यह खास खबर...

एक महीने के अंदर ही दर्जनों पतियों को पत्नियों ने उतारा मौत के धाट- कुछ घटनाओं से खोजी न्यूज करा रहा आपका रूबरू

उत्तराखंड के बाजपुर में पड़ने वाली बेरिया दौलत पुलिस चौकी क्षेत्र में घरेलू कहासुनी के बाद गुस्साई पत्नी पूनम ने अपने मनिंदर पर पेट्रोल छिडकर आग लगा दी। पति के चिल्लाने पर परिजनों ने दौडकर आग बुझाई लेकिन अब पति मनिंदर की मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में आरोपी पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर अपने पति सौरभ को मौत के घाट उतारने के बाद उसके टुकडे करके नीले ड्रम में डाल दिया था और सीमेंट डालकर लाश को ड्रम में जमा दिया था। उसमें सीमेंट डाल दिया गया।

इसके अलावा पत्नी के रिश्ते को तार-तार करते हुए मेरठ जिले में आरोपी पत्नी रविता ने अपने बॉयफ्रेंड अमरदीप के साथ मिलकर पति अमित को रास्ते से हटाने के लिये गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया। उसके बाद नागिन का बदला दिखाने के लिये अमित के शव के नीचे सांप को दबा दिया। दबने की वजह से सांप ने अमित को 10 बार डंसा। रविता ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि सौरभ राजपूत हत्याकांड के बाद से ही अमित की हत्या की साजिश रची गई थी।

औरेया जिले में शादी के 14 दिन बाद पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलककर पति की हत्या कर दी। जांच में सामने आया कि प्रगति यादव और अनुराग यादव के एक गांव के रहने वाले थे और दोनों के चार सालों से सम्बंध थे। इसी वजह से उसे रास्ते से हटाने के लिये आरोपी पत्नी ने प्रेमी व उसके साथी के साथ अपने पति की हत्या कर दी।

बरेली जिले में बीते दिन पत्नी रेखा ने अपने प्रेमी पिन्टू के साथ मिलकर पति का कत्ल कर दिया। रेखा ने पति की हत्या को आत्महत्या बनाने की कोशिश की लेकिन पैंतरे फैल हो गये। बताया गया कि पत्नी रेखा ने पति को चाय में चूहें मारने वाली दवाई घोलकर पिला दी। इसके बाद पिन्टू रेखा के घर आया और उसके बाद दोनों ने केहर पाल सिंह की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी।

आज भी लोगों को याद है अतुल सुभाष कांड- 90 मिनट की वीडियो और 24 पन्नों को सुसाइड नोट में किया थ अपना दर्द बयां

बेंगलुरु की एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले 34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष नायलॉन की रस्सी का इस्तेमाल करके बेडरूम में लगे सीलिंग फैन से लटककर फांसी लगा ली थी। आत्महत्या करने से पहले 90 मिनट का वीडियो बनाकर और 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोडा था, जिसमें अपनी पत्नी और उसके परिजनों पर अपने ऊपर उत्पीडन और अपने परिवार के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराने का आरोप लगाया था। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कहा था कि मैं पैसे देने से इनकार करता हूं और मैं मौत को चुनता हूं. क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरे पैसे का इस्तेमाल मेरे विरोधियों द्वारा मुझे और मेरे परिवार को प्रताड़ित करने के लिए किया जाए. कोर्ट के बाहर गटर में अस्थियां बहा दी जाए। उनका आरोप कि शादी के 2 साल बाद पत्नी ने दहेज उत्पीड़न, हत्या से लेकर आप्राकृतिक यौन शोषण तक के केस अतुल के खिलाफ दर्ज करा दिए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पत्नी ने 3 करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता मांगा. बेटे का चेहरा तक नहीं देखने दिया. पत्नी के पिता की शादी के बाद बीमारी से मौत हुई लेकिन ससुरालवालों ने हत्या की एफआईआर दर्ज करा दी। अतुल के आरोप के मुताबिक फैमिली कोर्ट में जज ने मामला निपटवाने के पांच लाख रुपये मांगे. दावा है कि 2 साल में 120 बार पेशी पर कोर्ट में जाना पड़ा। आरोप ये तक लगाया कि जज के सामने ही पत्नी ने कहा कि सुसाइड क्यों नहीं कर लेते।

इंसाफ नहीं मिला तो नाली में बहा देना मेरी अस्थियां- इंजीनियर ने वीडियो बनाकर दी अपनी जान- पत्नी और ससुराल वालों पर लगाया आरोप

ंऔरेया के रहने वाले इंजीनियर मोहित कुमार उर्फ मोनू यादव ने पत्नी पर प्रताडना का आरोप लगाते हुए इटावा के एक होटल में सुसाइड कर लिया और इससे पहले मोनू ने एक-एक मिनट के दो वीडियो बनाते हुए पत्नी पर आरोप लगाये। मोनू और उसकी पत्नी मैनपुरी निवासी प्रिया यादव से सात साल तक रिलेशन में रहने के बाद दो साल पहले दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया था। वीडियो में मोहित कह रहा है कि प्रिया का चयन बिहार शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर हो गया था। इस वजह से वह बिहार में रहकर ही नौकरी करने के लिये बुला रही थी। वह प्रिया का अपने साथ पुणे में रखना चाहता था लेकिन इसी वजह से विवाद बढ़ गया और साले ने एक दिन उसे जान से मारने की धमकी दी। मोनू कह रहा है कि जब तक यह वीडियो आप लोगों तक पहुंचेगा, वह इस दुनिया में नहीं रहेगा। वह पत्नी और ससुराल वालों की प्रताडना से परेशान होकर जान देने की बात कह रहा है। अपने माता-पिता से अपील करते हुए कह रहा है कि मरने के बाद भी उसे इंसान न मिले तो उसकी अस्थियां नाली में बहा देना। यह खबर 20 अप्रैल 2025 यानी आज की है।

पुरूष आयोग बनाने को लेकर जंतर-मंतर पर कई देशभर से पहुंचे पुरूष

नई दिल्ली के जंतर मंतर पर पुरूष उत्पीडन के खिलाफ 19 अप्रैल 2025 को सेव इंडियन फैमिली के बैनर तले सत्याग्रह फॉर मेन का आयोजन हुआ, जिसमें देशभर के पुरूष काफी संख्या में मौजूद रहे। आयोजन में पुरूषों द्वारा कहा गया कि कानून का दुरूपयोग और झूठे मामलों पर रोक लगे। पुरूषों द्वारा कहा गया कि पहले पुरूष आत्हत्या ही कर रहे थे लेकिन अब महिलाएं पुरूषों की हत्याएं कर रही हैं। कहीं न कहीं पुरूष समाज खतरे में हैं। इस आयोजन में पुरूषों द्वारा एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना के लिये जोर दिया गया।

साध्वी प्राची ने उठाई पुरूष आयोग बनाने की मांग- बोली बेटा होना अपराध जैसा लगता है- मेहनत से पाले गये बेटे के कर दिये जाते हैं 15 टुकड़े

मेरठ में 18 अप्रैल 2025 को एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची विश्व हिन्दू परिषद की नेत्री साधवी प्राची ने वैवाहित अस्थिरता और पतियों के मर्डर जैसे मामलों को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा कि रील्स कल्चर और पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के चलते रिश्तों की नींव कमजोर होती जा रही है। आजकल लड़कियां शादी के कुछ ही दिनों बाद ही तलाक ले लेती हैं, यह एक नया ट्रेंड बनता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ महिलाएं सरकारी नौकरी करने वाले लड़कों से शादी करके करोड़ों रुपए लेकर उन्हें छोड़ देती हैं, जिससे युवक मानसिक दबाव में आकर आत्महत्या तक कर रहे हैं। नेत्री साध्वी प्राची ने आगे कहा कि रील्स सामाजिक बर्बादी का कारण हैं। महिलाएं दिनभर घर में रील्स देखती और बनाती हैं, और इस आदत का असर उनके व्यवहार और सोच पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर मां खुद बेटी के सामने रील बना रही है तो बेटी भी वही सीखेगी। उन्होंने कहा कि आज बेटा होना अपराध जैसा लगता है, क्योंकि मेहनत से पाले गए बेटे के 15 टुकड़े कर दिए जाते हैं। साध्वी प्राची ने पुरुषों के लिए एक पुरुष आयोग बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जैसे महिला आयोग महिलाओं की सुनवाई करता है, वैसे ही पुरुषों के अधिकार और न्याय के लिए भी एक मंच होना चाहिए। वह इस विषय को लेकर दिल्ली में प्रयासरत हैं।

पुरूष आयोग बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी याचिका

पुरूषों पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए वर्ष 2023 में वकील महेश कुमार तिवारी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। वकील महेश कुमार तिवारी ने अपनी याचिका में भारत में आकस्मिक मौतों पर 2021 में प्रकाशित एनसीआरबी के आंकडों को हवाला देते हुए बताया कि देशभर में 1,64,033 लोगों ने आत्हत्या की, जिनमें 81,063 विवाहित पुरूष और 28,680 विवाहित महिलाएं शामिल हैं। याचिका में यह भी बताया गया था कि साल 2021 में करीब 33.2 प्रतिशत पुरूषों ने पारिवारिक समस्याओं की वजह से 4.8 प्रतिशत ने विवाह सम्बंधी कारणों से आत्महत्या की थी। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई थी कि विधि आयोग पीड़ित पुरूषों के सुसाइड केसों पर स्टडी करें और इसके आधार पर राष्ट्रीय पुरूष आयोग के गठन का फैसला लिया जाये। इसके अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकारी आयोग और केंद्रीय गृह मंत्रालय को घरेलू हिंसा से पीड़ित पुरुषों की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया था।Full View

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