गुमराह कर रहा है जमीयत-यूपी में बुलडोजर पर नहीं लगेगा ब्रेक

सरकार की ओर से अवैध निर्माण पर किए जा रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत को अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया।

Update: 2022-07-13 09:33 GMT

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अवैध निर्माण पर किए जा रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत को अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है।सरकार की ओर से अवैध निर्माण पर किए जा रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत को अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है।सुनवाई के लिए अदालत की ओर से अब 10 अगस्त की तारीख नियत की गई है। अदालत की ओर से अंतरिम आदेश नही दिये जाने से अब यह पूरी तरह से साफ हो गया है कि अवैध काम पर बाबा के बुलडोजर पर ब्रैक नही लगेगा।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से की जा रही बुलडोजर कार्रवाई पर कोई अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई एवं पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा है कि वह अवैध निर्माण को लेकर तोड़फोड़ करने की प्रक्रिया में सामान्य प्रतिबंध का आदेश जारी नहीं कर सकते हैं क्योंकि इससे स्थानीय निकाय यानी नगर निकाय के अधिकारों में कटौती होगी। मामले के आधार पर ही इसकी जांच की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अब सुनवाई के लिए 10 अगस्त की नई तारीख निर्धारित की है।

सुनवाई के दौरान कानपुर एवं प्रयागराज की तरफ से अधिवक्ता हरीश साल्वे सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एसजी तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दलील रखते हुए कहा है कि जमीयत उलेमा हिंद अदालत को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा है कि कुछ स्थानों पर सरकार की ओर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है लेकिन यह सब नियमों के मुताबिक किया गया है और उत्तर प्रदेश में हिंसा के मामलों से पहले ही अवैध निर्माण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई थी।

उन्होंने विरोधी वकील से कहा कि इस मामले को सनसनीखेज नहीं बनाया जाए।

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