पंचायत चुनावों से सपा को संजीवनी
कोरोना गाइडलाइन का पालन न करने पर संक्रमण बहुत तेजी से बढा और चुनाव ड्यूटी में लगे तीन सौ से ज्यादा लोगों की इसी महामारी ने जान ले ली।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 के सभी नतीजे लगभग घोषित हो चुके हैं। हालांकि कई जगहों पर अभी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है। जिला पंचायत सदस्य चुनाव के भी नतीजे आ चुके हैं। समाजवादी पार्टी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पछाड़ते हुए बढ़त बना ली है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक जारी परिणामों के मुताबिक समाजवादी पार्टी समर्थित 742 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी समर्थित 679 प्रत्याशी जीते हैं। बसपा समर्थित 320 प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे। वहीं, कांग्रेस व अन्य दलों सहित 1309 निर्दलीयों ने जिला पंचायत चुनाव में बाजी मारते हुए कई जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी की चाबी अपने हाथ में रखी है। उत्तर प्रदेश में विपक्ष लगभग निर्जीव हो चुका था। मुख्य विपक्षी दल सपा को इस चुनाव से संजीवनी मिली है जो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीति के समीकरण बदल सकती है। कांग्रेस की राश्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी योगी सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा आवाज उठाने वाली विपक्षी नेता रहीं लेकिन पंचायत चुनाव में उसका फायदा उनकी पार्टी नहीं उठा पायी है। इन चुनावों में दुखद स्थिति यह रही कि कोरोना गाइडलाइन का पालन न करने पर संक्रमण बहुत तेजी से बढा और चुनाव ड्यूटी में लगे तीन सौ से ज्यादा लोगों की इसी महामारी ने जान ले ली।
पंचायत चुनावों में समाजवादी पार्टी की जीत पर पार्टी प्रवक्ता डॉ अनुराग भदौरिया ने कहा कि पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बनारस, प्रयागराज और अयोध्या जैसे जिलों में बीजेपी को धूल चटा दी है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में समाजवादियों ने बीजेपी को पराजय का स्वाद चखाया। समाजवादी पार्टी के गढ़ इटावा में जिला पंचायत सदस्य पद के 24 उम्मीदवारों का नतीजा भी रिटर्निंग अफसर की ओर से जारी कर दिया गया है। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में जहां बहुजन समाज पार्टी, एक निर्दलीय और भारतीय जनता पार्टी के एक बागी की विजय हुई है, वहीं बाकी सभी उम्मीदवार समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी गठबंधन के माने जा रहे हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य पद के लिए सबसे अधिक मत अगर किसी को मिले हैं, तो वह हैं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव. जो सैफई द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे हुए थे। अभिषेक यादव को सबसे अधिक 23073 मत हासिल हुए हैं, जबकि ताखा 2 से भारतीय जनता पार्टी के बागी गीतम सिंह पाल विजयी हुए हैं। उन्हें सबसे कम 2142 मत हासिल हुए हैं।
गीतम पाल बीजेपी ओबीसी मोर्चा के मंडल उपाध्यक्ष थे लेकिन जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ उतरने के कारण पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में अभिषेक यादव के बाद सबसे अधिक वोट पाने वाले दूसरे नंबर पर रहने वाले सैफई प्रथम से जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवार डॉ. अरविंद कुमार यादव हैं, जिनको 16707 वोट हासिल हुए हैं। भरथना तृतीय से सपा की अधिकृत जिला पंचायत सदस्य पद की उम्मीदवार सरिता दोहरे को 15005 वोट मिले हैं। वह जूनियर हाईस्कूल पास हैं। ताखा प्रथम से जीते सत्यभान को 12109 वोट मिले हैं। वे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के उम्मीदवार हैं। ताखा तृतीय से जीते सत्येंद्र सिंह यादव को 13728 वोट हासिल हुए हैं। वे भी प्रसपा के उम्मीदवार हैं। बसरेहर प्रथम से जीतने वाले पंकज यादव को 16797 मत हासिल हुए हैं। वे शिवपाल सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं। बसरेहर द्वितीय से शिवपाल के एक और करीबी प्रेम सागर जाटव जीते हैं, जिन्हें 8550 वोट मिले हैं। बसरेहर 3 से चुनाव मैदान में कामयाबी हासिल करने वाले शिवम पाल को 11069 वोट हासिल हुए है। वे समाजवादी युवजन सभा के जिला इकाई के अध्यक्ष हैं। इस सीट से सपा-प्रसपा गठबंधन के दुर्वेश शाक्य को मात्र 5000 मत मिल पाये। शिवपाल सिंह यादव के निर्वाचन क्षेत्र जसवंतनगर में जसवंतनगर प्रथम सीट से जिला पंचायत सदस्य के रूप में राधा देवी को जीत हासिल हुई है, जिनको 14203 मत हासिल हुए हैं। जसवंतनगर दितीय से सीमा यादव को जीत मिली है, उन्हें 10255 वोट हासिल हुए हैं। जसवंतनगर द्वितीय से सपा के अमन यादव की मां को मैदान मे उतारा गया था, लेकिन वो हार गईं। जसवंतनगर तृतीय सीट से भुजवीर सिंह को विजेता घोषित किया गया है। भरथना प्रथम से समाजवादी पार्टी गठबंधन से डा.पुष्कर सिंह विजयी हुए हैं जिनको 9759 वोट मिले हैं। भरथना 2 से दीपांशु गौतम विजयी हुए हैं जिनको 13107 मत हासिल हुए हैं। बढपुरा प्रथम सीट से समाजवादी पार्टी के सचिन यादव जीते हैं जिनको 10614 वोट मिले हैं। सपा के गढ में चाचा भतीजे का वर्चस्व कायम रहा जो यह संदेश देता है कि सपा गृहयुद्ध समाप्त करे।
यूपी के सबसे हाई प्रोफाइल जिलों में से एक अमेठी में जिला पंचायत सदस्य की सभी 36 सीटों के परिणाम घोषित हो गए हैं।सांसद स्मृति ईरानी के जिले में इस बार पंचायत चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है। जिला पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सबसे अधिक 9 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी ने 8 सीटों पर कब्जा जमाया है। जनसत्ता दल को भी एक सीट मिली, वहीं कांग्रेस दो तो बसपा के खाते में तीन सीटें गई। दूसरी तरफ जिला पंचायत चुनाव में 13 निर्दलीय प्रत्यशियों ने जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनने की चाबी अपने पास रखी है। अध्यक्ष की कुर्सी के लिए अमेठी में सपा और बीजेपी में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। समाजवादी पार्टी से गौरीगंज सदर विधायक राकेश प्रताप सिंह की पत्नी सीलम सिंह जिला पंचायत की वार्ड नंबर 18 से निर्वाचित हुई हैं और अमेठी की जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर समाजवादी पार्टी अपना कब्जा जमाने के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति में जुट गई है। इससे पहले भी समाजवादी पार्टी की शिवकली मौर्या जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज थी। अब सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सपा जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए गुणा भाग करने में जुट गई है। उधर , बीजेपी भी निर्दलीयों के सहारे अपना पदाधिकारी नियुक्त करने की जुगत में है। भारतीय जनता पार्टी की भी यही कोशिश है कि अमेठी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर उनका प्रत्याशी काबिज हो।
फिलहाल अमेठी से उद्योगपति राजेश अग्रहरी इस कुर्सी के लिए सबसे मजबूत दावेदार सामने नजर आ रहे हैं। हालांकि बीजेपी की तरफ से अभी ऐसे किसी भी चेहरे को सामने नहीं लाया गया है, जिसे जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने की बात चल रही हो लेकिन केंद्रीय मंत्री और अमेठी सांसद स्मृति ईरानी इस बार भारतीय जनता पार्टी का कोई ऐसा चेहरा सामने ला सकती हैं जो जिला पंचायत अध्यक्ष पद का मजबूत दावेदार हो। जिला पंचायत सदस्य के 13 प्रत्याशी निर्दलीय हैं जो जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए इस बार निर्णायक भूमिका में नजर आएंगे। निर्दलीय प्रत्याशी जिस पार्टी की तरफ रुख कर लेंगे उस पार्टी का अध्यक्ष बनना करीब-करीब तय माना जा रहा है। मंगलवार 4 मई देर शाम अमेठी जिला प्रशासन ने जिला पंचायत सदस्य की फाइनल सूची जारी की। कई बार सूची में बदलाव हुआ । री काउंटिंग के बाद सभी 36 प्रत्याशियों के नाम जिला प्रशासन ने सार्वजनिक किए। इसके बाद 13 निर्दलीय प्रत्याशी की सूची सामने आई तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के 8 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। समाजवादी पार्टी की झोली में 9 सीटें आई तो वहीं कांग्रेस को 2 तो बीएसपी को 3 सीटें मिलीं और एक सीट जनसत्ता दल पार्टी को मिली।
पिछले पंचायत चुनाव की बात करें तो सपा ने दावा किया था कि उसने 3121 सीटों में से 70 फीसदी यानी 2184 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस तरह देखा जाए तो उसकी सीटों में इस बार भारी गिरावट आई है। फिर भी सपा की सीटें भाजपा से अधिक हैं। वर्ष 2015 में बसपा ने भी बेहतर प्रदर्शन किया था। वह दूसरे, बीजेपी तीसरे व कांग्रेस चैथे स्थान पर रही थी। दुखद यह है कि पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण, मतदान व मतगणना ड्यूटी के दौरान कई कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई है। इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मृतक कर्मियों के परिजनों को आर्थिक मदद की मांग उठाई थी। अब सरकार ने कोरोना से मरने वाले कर्मियों को मुआवजे का एलान किया है। पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले कर्मियों की कोरोना संक्रमण से मौत पर सूबे की योगी सरकार उनके परिवार को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद करेगी। पंचायती राज विभाग ने 4 मई को इसका आदेश जारी कर दिया। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों से उनके जिले से रिपोर्ट तालाब की गई है। मृतक के परिजनों को इसके लिए कोविड संक्रमण की जांच चाहे एंटीजन या आरटी-पीसीआर रिपोर्ट देनी होगी।
अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान नियम के अनुसार चुनाव ड्यूटी के दौरान असामयिक दुर्घटना जैसे आतंकवादी हिंसा या असामजिक तत्वों द्वारा हत्या, रोड माइंस, बम ब्लास्ट और हथियारों से हमला आदि की दशा में मृत्यु पर कर्मी के परिजनों को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है अब इसमें कोविड-19 से मृत्यु को भी जोड़ दिया गया है.
उन्होंने बताया कि कोविड-19 से मृत्यु पर मुआवजे के लिए एंटीजनध्आरटी-पीसीआर रिपोर्ट व स्थायी दिव्यांगता के संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारीध् मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारी जारी प्रमाण पत्र देना होगा. इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी को शर्तों का पालन करवाते हुए मुआवजे का प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को भेजना होगा। सपा को अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगाह करना होगा कि कोरोना संक्रमितों की हर संभव मदद की जाए और मृतकों के परिजनों को सरकार द्वारा दी जा रही मुआबजा राशि मिल सके। (हिफी)