मुरुगन पर कमल खिलाने की जिम्मेदारी

भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष एल मुरुगन ने इस बार उम्मीद जगायी है कि भाजपा को तमिलनाडु में सत्ता का सुख मिल सकता है।

Update: 2020-11-25 03:19 GMT

नई दिल्ली। प्रभु श्रीराम दक्षिण भारत में राज करने नहीं, वनवास के लिए गये थे। संभवतः यही कारण है कि उत्तर से लेकर मध्य और पूर्व भारत तक भगवा फहराने वाली भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) दक्षिण भारत में सत्तारूढ़ नहीं हो पायी है। भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष एल मुरुगन ने इस बार उम्मीद जगायी है कि भाजपा को तमिलनाडु में सत्ता का सुख मिल सकता है। मुरुगन ने गत 23 नवम्बर को कहा कि 2021 के विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी। इसका मतलब है कि अन्नाद्रमुक और भाजपा के बीच अवरोध दूर हो गये हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा ने पन्नीरसेल्वम और पलानीस्वामी को भिडाने का प्रयास भी किया था लेकिन सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक में बिखराव नहीं हो पाया। बाद में खबरें आयी थीं की भाजपा ज्यादा सीटें मांगेगी, लेकिन वो मसला भी लगता है सुलट गया है। अन्नाद्रमुक से बीजेपी द्वारा 50 सीटें मांगने संबंधी खबरों के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में मुरुगन ने कहा भी कि इस गठबंधन की निरंतरता के बारे में दो दिन पहले पार्टी (अन्नाद्रमुक) के शीर्ष नेताओं- ओ पन्नीरसेल्वम और के पलानीस्वामी द्वारा एक बयान दिया गया था।उन्होंने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के बीच चर्चा के बाद घटक दलों की सीटें तय की जाएंगी। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी तमिलनाडु के मामले को बहुत सतर्कता से हैंडिल करना चाहते हैं क्योंकि यहाँ के हालात पश्चिम बंगाल से अलग हैं। भाजपा यहां भी बिहार फार्मूला लागू करना चाहती है। इसलिए मुरुगन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

तमिलनाडु में भाजपा की कमान संभालने वाले एल मुरुगन गत दिनों विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन के साथ चेन्नई में 1.5 करोड़ रूपये की लागत से बन रहे नये बीजेपी कार्यालय के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। दोनों नेता शाम को पलानी में 'वेल यात्रा' में हिस्सा लेने गये। मुरुगन ने कहा कि यह यात्रा सात दिसंबर के बजाय पांच दिसंबर को तिरूचेंदुर में समाप्त होगी। इस समापन कार्यक्रम में बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के हिस्सा लेने की संभावना है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। पश्चिम बंगाल के बाद गृहमंत्री अमित शाह दो दिन के चेन्नई दौरे पर पहुंच गए थे। उनके इस दौरे के बाद अन्नाद्रमुक की तरफ से गठबंधन को लेकर बड़ा बयान आया। पार्टी ने घोषणा की कि आगामी चुनावों में तमिलनाडु में एआईडीएमके और बीजेपी का गठबंधन जारी रहेगा। तमिलनाडु के डिप्टी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम ने 21 नवम्बर को यह ऐलान किया था। गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के लिए आयोजित कार्यक्रम में पन्नीरसेल्वम ने कहा ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम और भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव साथ में लड़ेंगी। तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में हो सकते हैं। अपने दो दिवसीय दौरे पर अमित शाह ने बीजेपी के शीर्षाधिकारियों और जिला स्तरीय अध्यक्षों से गंभीर मुद्दों पर चर्चा भी की थी।

दोनों पार्टियों के बीच रिश्तों में वेत्रीवेल यात्रा को लेकर तनाव हो गया था। एक ओर राज्य सरकार ने कोविड-19 की पाबंदियों को ध्यान में रखते हुए यात्रा की इजाजत नहीं दी थी, वहीं, दूसरी ओर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने 6 नवंबर से यात्रा जारी रखी है। पलानीस्वामी सरकार को यह अपमान जनक लगा था। साथ ही अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम को इसमें भाजपा की साजिश भी नजर आयी। अमित शाह ने ट्वीट के जरिए शहरवासियों का आभार जताया। इसके अलावा अन्नाद्रमुक के चिढने की एक बात और हो गयी। पार्टी के एक नेता ने बताया कि अमित शाह के दौरे से एक दिन पहले एक खास मीटिंग आयोजित की गई थी। इस मीटिंग में भारतीय जनता पार्टी ने सीएम एडापड्डी पलानीस्वामी को विधानसभा चुनाव 2021 के लिए सीएम पद का उम्मीदवार नहीं माना था। हालांकि, बीते महीने पन्नीरसेल्वम ने आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी थी कि पलानीस्वामी अन्ना द्रमुक पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होंगे।

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। इस राज्य में अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए बीजेपी पूरी जी जान से लगी है। ऐसे में गृहमंत्री अमित शाह का दौरा काफी अहम माना जा रहा था। लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को यहां पर कोई कामयाबी नहीं मिली थी। चुनाव में स्टालिन की पार्टी डीएमके ने सबसे ज्यादा सीटें बटोरीं थीं। डीएमके से कांग्रेस ने गठबंधन कर रखा है। इस नाते कांग्रेस को भी यहां बड़ी संख्या में सांसद मिल गये। भाजपा का प्रदर्शन यहां कांग्रेस से कमजोर रहा। अमित शाह इस समीकरण को बदलना चाहते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 21 नवम्बर को चेन्नई पहुंचे। उन्होंने चेन्नई मेट्रो रेल के दूसरे चरण की आधारशिला रखने के साथ 67 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यक्रमों का शिलान्यास भी किया। अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर चेन्नई पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर, गृह मंत्री अमित शाह का राज्य के मुख्यमंत्री और उनके डिप्टी ओ. पन्नीरसेल्वम ने स्वागत किया था। राज्य के मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट सदस्य और बीजेपी के राज्य अध्यक्ष एल. मुरुगन भी शामिल थे।

जैसे ही अमित शाह का काफिला एयरपोर्ट से निकला, बीजेपी नेता ने सबको चौंकाते हुए प्रोटोकॉल तोड़ा और गाड़ी से बाहर निकलकर व्यस्त जीएसटी रोड पर अपने कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। अमित शाह के आने की खबर के साथ ही सुबह से हजारों पार्टी कार्यकर्ता चेन्नई एयरपोर्ट के बाहर जमा हो गये थे। अमित शाह के ऑफिस ने कार्यकर्ताओं का अभिवादन करते हुए बीजेपी नेता का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया। शाह का दौरा उस समय हुआ, जब बीजेपी और अन्नाद्रमुक के बीच साथ रिश्तों में वेत्री वेल यात्रा को लेकर दरार दिख रही थी। यहां पर ध्यान देने की बात यह भी है कि लोकसभा चुनावों के बाद से अन्नाद्रमुक और बीजेपी के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। राज्य सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते बीजेपी को वेत्री वेल यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी थी। अन्नाद्रमुक के मुखपत्र ने इस यात्रा को बांटने वाला करार दिया था। हालांकि बीजेपी नेता 6 नवंबर तक राज्य में यात्रा निकालने में जुटे थे, लेकिन बाद में राज्य पुलिस ने नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। इसी के बाद बीजेपी ने एक बार फिर अन्नाद्रमुक नेता ई. पलानीस्वामी को विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर स्वीकार करने से मना कर दिया।

पिछले महीने अन्नाद्रमुक नेताओं ने पार्टी में आतंरिक तौर पर विचार विमर्श के बाद उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने 2021 विधानसभा चुनाव के लिए पलानीस्वामी को ही अन्नाद्रमुक का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया था।

भाजपा को भी पता है कि दक्षिण भारत में बडी राष्ट्रीय पार्टियां अभी स्थानीय दलों के पीछे ही चलने को मजबूर हैं। कांग्रेस और भाजपा को भी इस कटुसत्य को स्वीकार करना पडे़गा। भाजपा ने अपने प्रदेश प्रमुख एल. मुरुगन को इसी लिए आगे कर रखा है ताकि वे तमिलनाडु में कमल खिला सकें। हो सकता है इसके बाद वहां भी बिहार जैसे हालात हो जाएं जब भाजपा अपनी सहयोगी पार्टी से ज्यादा विधायक जुटा ले। राजनीति में असंभव तो कुछ भी नहीं है और भाजपा का मानना है कि मोदी हैं तो सब कुछ मुमकिन है। (हिफी)

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