ओलंपिक में 121 साल का सूखा खत्मकर नीरज ने सोने पर फैंका भाला
टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों के 15 वें दिन भारत के नीरज चोपड़ा और बजरंग पूनिया ने कमाल कर दिखाया है।
नई दिल्ली। टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों के 15 वें दिन भारत के नीरज चोपड़ा और बजरंग पूनिया ने कमाल कर दिखाया है।
ओलंपिक में करीबन 121 साल का सूखा खत्म करते हुए नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक मुकाबले में सोने पर निशाना साधते हुए भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया है। एथलेटिक में नीरज चोपड़ा के हाथों मिला भारत का पहला गोल्ड है। बजरंग पूनिया ने पुरुषों के 65 किलोग्राम वर्ग के फ्रीस्टाइल मुकाबले में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। नीरज चोपड़ा का दूसरा थ्रो 87.58 मीटर का प्रयास उन्हें गोल्ड दिलाने के लिए काफी रहा। नीरज चोपड़ा इसी के साथ ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बन गए हैं। हालांकि गोल्फ में पहला गोल्ड मेडल जीतने का भारत का सपना टूट गया है। महिला गोल्फर अदिति अशोक चौथे और अंतिम राउंड में चतुर्थ स्थान पर रही है। और वह मामूली अंतर से मेडल जीतने से वंचित रह गई है। भारतीय खिलाडी नीरज चोपडा की ओर से दिखाये गये दमखम से भारत का एथलेटिक्स में मेडल जीतने का 121 साल का इंतजार खत्म हो गया है। जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने भारत को इस प्रतियोगिता का मुकाबला जीतकर गोल्ड मेडल दिलाया है। उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया। नीरज ने पहले अटैम्प्ट में 87.03 मीटर और दूसरे अटैम्प्ट में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका था। तीसरे अटैम्प्ट में उन्होंने 76.79 मीटर, चौथे और 5वें में फाउल और छठे अटैम्प्ट में 80 मीटर से ज्यादा थ्रो किया।