मनीष गुप्ता हत्याकांड-बोली मीनाक्षी, रहम नहीं मुझे चाहिए इंसाफ
कारोबारी मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर की गई हत्या के आरोपी इंस्पेक्टर समेत छह पुलिस वाले अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लग सके हैं
कानपुर। गोरखपुर में पुलिस पिटाई का शिकार बनकर मौत का निवाला बने मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी के घर जब उनकी नौकरी का नियुक्ति पत्र पहुंचा तो उसे देखते मीनाक्षी की आंखों से आंसू छलक उठे। मीनाक्षी ने कहा कि मुझे नौकरी नहीं, पहले मेरे पति के हत्यारे पुलिस वालों की गिरफ्तारी चाहिए। वह जब जेल के भीतर जाएंगे उसी समय मेरे कलेजे को ठंडक मिलेगी। बड़ी बेरहमी के साथ उन्होंने मेरे पति को तड़पा-तड़पाकर मारा है। उनकी गिरफ्तारी होने पर मुझे और मेरे 4 साल के बेटे को इंसाफ मिल सकेगा।
गोरखपुर में कानपुर के रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर की गई हत्या के आरोपी इंस्पेक्टर समेत छह पुलिस वाले अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लग सके हैं। इससे पीड़ित परिवार बुरी तरह से आहत है। मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी के घर सरकारी वादे के मुताबिक जब उनकी नौकरी का नियुक्ति पत्र उनके घर पर पहुंचा तो पत्र को देखते ही मीनाक्षी गुप्ता की आंखों से झर-झर आंसू छलक उठे। मीनाक्षी गुप्ता ने कहा कि मुझे नौकरी नहीं, पहले मेरे पति के हत्यारोपी पुलिस वालों की गिरफ्तारी चाहिए। मेरे बेगुनाह पति को मौत के घाट उतारने वाले पुलिस वाले जब जेल के भीतर जाएंगे उसी के बाद मेरे कलेजे को ठंडक मिलेगी। बड़ी बेरहमी के साथ पुलिस वालों ने मेरे पति की हत्या की है और तड़पा-तड़पा कर उन्होंने मेरे बेगुनाह पति को मारा है। आरोपियों की गिरफ्तारी होने पर ही मुझे और मेरे 4 साल के बेटे को इंसाफ मिल सकेगा। मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी को कानपुर विकास प्राधिकरण में ओएसडी पद की नौकरी के लिए सरकार की ओर से हरी झंडी मिल गई है। शासन ने नौकरी की स्वीकृति देने के साथ बृहस्पतिवार को उनके घर पर नियुक्ति का पत्र भेज दिया है। जल्द ही कागजी कार्यवाही पूरी कराने के बाद मीनाक्षी गुप्ता को कानपुर केडीए में ओएसडी की नौकरी मिल जाएगी। लेकिन मीनाक्षी गुप्ता का कहना है कि उनके और उनके परिवार के भरण-पोषण के लिए नौकरी भले ही उनकी जरूरत है। लेकिन उनकी पहली प्राथमिकता पति मनीष गुप्ता के हत्यारे इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, दारोगा अजय मिश्रा, विजय मिश्रा, राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव और कांस्टेबल प्रशांत कुमार को जेल भिजवाने के साथ उन्हें कड़ी सजा दिलाना है।