फर्जी निकले श्रमिकों को नियमित करने वाले पत्र, मुकदमा दर्ज

राज्य के सहकारिता मंत्री एवं निगम के अध्यक्ष मुकुट बिहारी वर्मा ने आज अपरान्ह यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

Update: 2021-02-12 14:48 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम में ठेकेदारों द्वारा भण्डारण एवं निकासी कार्य के लिए तैनात किए जाने वाले श्रमिकों के नियमितीकरण के संबंध में जारी किये गये पत्र फर्जी निकले। इस संबंध में अधिकारियों को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य के सहकारिता मंत्री एवं निगम के अध्यक्ष मुकुट बिहारी वर्मा ने आज अपरान्ह यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य भण्डारण निगम को इसी वर्ष 18 जनवरी को व्हाट्सऐप के माध्यम से निगम के प्रबंध निदेशक के निजी सचिव को अपर मुख्य सचिव (गृह) के कैम्प कार्यालय से शासन का पत्र 13 जनवरी को प्राप्त हुआ है, जिसमें एसके पाण्डेय राष्ट्रीय महामंत्री आलइण्डिया वेयरहाउसिंग कारपोरेशन इम्प्लाइज यूनियन लखनऊ द्वारा पिछले साल सात दिसम्बर और 11 फरवरी के क्रम में जिलाधिकारी सीतापुर व फतेहपुर को राज्य भण्डारण निगम में कार्यरत श्रमिकों का तत्काल नियमितीकरण करने के निर्देश दिये जाने का उल्लेख था।

उन्होंने बताया कि पुनः निगम को 19 जनवरी को फिर एस के पाण्डेय द्वारा भेजा गया पत्र मिला। पत्र में फतेहपुर पक्का तालाब डिपों पर 410 श्रमिक व जहाॅनाबाद में 67 श्रमिक तथा रामकोट में 360 श्रमिक व नेरीकला में 360 श्रमिक कुल 1197 कार्यरत श्रमिकों की तालिका सूची को संलग्न कर आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रेषित किया गया।

उन्होंने बताया कि निगम द्वारा शासन के उस पत्र पर जारीकर्ता अधिकारी शैलेन्द्र कुमार, अनु सचिव, सहकारिता अनुभाग-1, से पूर्व में प्राप्त पत्र एवं वर्तमान में प्राप्त पत्र पर अंकित हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया भिन्नता परिलक्षित होने पर निगम के पत्र 20-21 और 22 जनवरी को शासन को उपरोक्त के सन्दर्भ में कार्यवाही के लिए सन्दर्भित किया गया।

उन्होंने बताया पुनः निगम को शासन का एक अन्य 27 जनवरी को मिला, जिसमें जारीकर्ता अधिकारी शिवाजी सिंह, उप सचिव, सहकारिता के प्राप्त पत्र पर हस्ताक्षर तथा पूर्व में प्राप्त पत्रों पर अंकित हस्ताक्षर में भिन्नता परिलक्षित हुई, जिसे शासन को निगम के पत्रों के सन्दर्भ में कार्रवाई के लिए दोनों जिलाधिकारियों को भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि निगम के उपरोक्त पत्रों का संज्ञान लेते हुए शासन ने स्पष्ट किया है कि शासन ने ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है। इस संबंध में दो फरवरी को क्षेत्रीय प्रबन्धक लखनऊ व प्रयागराज को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि इस संबंध सभी जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को प्रकरण से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है और सर्व साधारण से अपील है कि ऐसे श्रमिकों की नियुक्ति के सन्दर्भ में किसी तरह के दुष्प्रचार अथवा प्रलोभन में न आयें।

वार्ता

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