चार जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारियों पर गिरी गाज
स्वरोजगारपरक योजनाओं में लक्ष्य प्राप्त न करने तथा कार्यों में शिथिलता बरतने वाले चार जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए निलंबित करने
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह तथा अपर मुख्य सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डाॅ. नवनीत सहगल ने आज खादी भवन में मौजूदा वित्तीय वर्ष की प्राविधानित धनराशि की स्वीकृतियां एवं अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। स्वरोजगारपरक योजनाओं में लक्ष्य प्राप्त न करने तथा कार्यों में शिथिलता बरतने वाले चार जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए निलंबित करने और एक अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना की समीक्षा के दौरान पाया गया कि जनपद एटा, श्रावस्ती, महाराजगंज एवं गौतमबुद्धनगर के अधिकारी विभाग द्वारा संचालित इन योजनाओं का लाभ लोगों को देने में शिथिलता बरत रहे हैं। योजना के निर्धारित वार्षिक लक्ष्य में सभी 75 जनपदों के सापेक्ष इन जनपदों का सबसे निम्न स्तर का प्रदर्शन रहा है। इससे पूर्व हुई बैठक में इन जनपदों के अधिकारियों को सख्त चेतावनी भी दी जा चुकी थी, लेकिन कार्यों में वांछित सुधार न पाये जाने पर इन चारों को निलंबित करने के निर्देश दिए गए। इनके अलावा जनपद सुल्तानपुर के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि और गोरखपुर के डीवीआईओ को किसी अन्य जनपद के स्थानान्तरित करने के भी निर्देश दिये गये हैं।
खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री ने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश की सरकार समाज के कमजोर वर्ग के प्रोत्साहन के लिए योजनाएं संचालित कर रही हैं। इसमें किसी भी स्तर की लापरवाही कदापि बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
उन्होंने कहा कि विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रदेश की वर्तमान सरकार की मंशानुसार अपनी कार्य संस्कृति और आचरण में बदलाव लाना होगा। विभाग द्वारा जितनी भी योजनाएं संचालित की जा रही है, उसके लिए आवंटित बजट का शत-प्रतिशत सदुपयोग समयबद्ध रुप से किया जायें। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना का बजट बिना उचित कारण के समर्पित नहीं होना चाहिए। सरकार ने खादी ग्रामोद्योग को आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये है। खादी का नाम आजादी और महात्मा गांधी से जुड़ा है। भारत सरकार खादी पर खासतौर फोकस कर रही है, क्योंकि खादी एवं ग्रामोद्योग में रोजगार की असीम संभावनाएं है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि खादी के सभी प्रोडक्शन सेंटर को रेमण्ड जैसी बड़ी सप्लाई चेन से कनेक्ट कराने की कोशिश की जा रही है। बोर्ड के अपने ही प्रोडक्शन सेंटर में सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए खादी यूनीफार्म तैयार कराये जाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए खादी बोर्ड के सभी प्रोडक्शन सैंटर को उच्चीकृत किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित सभी कंबल कारखानों को पुनः शुरू कराया गया है और इनमे तैयार कंबल की मांग तेजी बाजार में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले से स्फूर्ति योजना के लिए एक-एक प्रास्ताव जरूर आना चाहिए। उन्होंने सभी जनपदीय अधिकारियों को स्फूर्ति योजना के तहत एक महीने में एक प्रस्ताव उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया और 31 मार्च से पहले सभी 75 जनपदों के प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिए। बैठक में सभी जनपदों के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी मौजूद थे।