झोलाछाप भी बन गए MBBS- जांच में खुला फर्जीवाड़ा

सीएमओ की ओर से इस संबंध में थाने में तहरीर देकर फर्जीवाड़ा कर रहे झोलाछाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

Update: 2021-10-19 07:16 GMT

मेरठ। बड़े-बड़े होर्डिंग एवं बोर्ड लगाकर स्वयं को एमबीबीएस बताते हुए मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों की जब जांच पड़ताल की गई तो वह पूरी तरह से झोलाछाप निकले। सभी चिकित्सकों की एमबीबीएस डिग्री पूरी तरह से फर्जी पाई गई। सीएमओ की ओर से इस संबंध में थाने में तहरीर देकर फर्जीवाड़ा कर रहे झोलाछाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अखिलेश मोहन के निर्देश पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुधीर कुमार ने जनपद के 10 झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया है कि खुद को एमबीबीएस चिकित्सक बताने वाले आरोपियों में शामिल बृजेंद्र स्वरूप निवासी जेल चुंगी, फिरदोस गांव पिठलोकर थाना सरधना, सुनील कुमार निवासी रिठानी, कौशर अली निवासी आसिफाबाद थाना परीक्षितगढ,़ प्रमोद तिवारी निवासी शाहपीर गेट निकट थाना कोतवाली, अनुज सिरोही निवासी गांव समसपुर थाना हस्तिनापुर, फरमान निवासी आरटीओ पुल के पास शास्त्री नगर, डालचंद निवासी मीनाक्षीपुरम थाना गंगानगर, अजय शर्मा व सुदेश शर्मा निवासी कस्बा सरधना, धर्मेंद्र कुमार निवासी सुशांत सिटी, शाहना परवीन परवीन नर्सिंग होम सरधना के खिलाफ थाने में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

डॉक्टर सुधीर कुमार के अनुसार सीएमओ की ओर से गठित की गई जांच कमेटी के सामने आया है कि यह सभी 10 झोलाछाप चिकित्सक इलाज के नाम पर मरीजों के साथ ठगी कर रहे थे। मुकदमे में नामजद कराए गए चिकित्सक मरीजों से 700 रुपए तक की फीस स्वयं को विशेषज्ञ चिकित्सक बताते हुए वसूल रहे थे। अस्पताल में मरीजों को भर्ती कराकर इनके द्वारा इलाज किया जा रहा था। नामजद कराए गए किसी भी चिकित्सक के पास एमबीबीएस की डिग्री नहीं है। फर्जी तरह से खुद को डॉक्टर बताकर सभी आरोपी इलाज करते हुए पाए गए हैं। सभी के खिलाफ सीएमओ कार्यालय को लिखित में शिकायत प्राप्त हुई थी।

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