विकास प्राधिकरण उद्योगों के अपनाये प्रति नरम रूख- अंकित संगल

एक बैठक फेडरेशन भवन पर मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण व उ०प्र० प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुजफ्फरनगर के साथ संयुक्त रूप से की गयी;

Update: 2024-09-25 15:45 GMT

मुजफ्फरनगर। फेडरेशन आफ मुजफ्फरनगर कामर्स एण्ड इंडस्ट्री की एक बैठक फेडरेशन भवन पर मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण व उ०प्र० प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुजफ्फरनगर के साथ संयुक्त रूप से की गयी। जिसमें विकास प्राधिकरण की ओर से उपाध्यक्ष कविता मीना, आई०ए०एस० व सचिव आदित्य प्रजापति अपने टैक्नीकल स्टाफ सहित तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से अधिाशासी अभियन्ता मौ० इमरान व मनीष यादव अपने स्टाफ सहित उपस्थित रहे। जिनको अध्यक्ष अंकित संगल द्वारा पौधें देकर सम्मानित किया गया।

\उद्यमियों ने प्राधिकरण विभाग से आ रही समस्याओं के संबंध में उपाध्यक्ष को अवगत कराया कि भोपा रोड, मेरठ रोड, रूडकी रोड पर दी गई औद्योगिक भूमि सड़क से दोनों और 200 वर्गमीटर की है जो कि उद्यमियों के लिए पर्याप्त नहीं है उद्योगों के लिए यह पट्टी कम से कम 500 वर्गमीटर की हो। जो उद्योग चकरोड से प्रभावित हैं। जहाँ चकरोड राइट टू वे के तहत जिन खसरों पर पहुँच मार्ग नहीं है वे चकबंदी के माध्यम से बनाए जाते हैं। जहाँ आस पास के क्षेत्र उद्यमियों के अपने है जिनके लिए चकरोड की आवश्यकता भी नहीं है तो क्या ऐसी चकरोड को रोड के दोनों और रोड वाइंडिंग देनी होगी और क्या इसको उद्यमियों की इन्टरनल रोड के तहत डवलप किया जा सकेगा। उद्योग ज्यादातर सड़क के किनारे से थोड़ा पीछे हट कर बनाए जाते हैं। रोड साइड कंट्रोल एक्ट के तहत ग्रामीण सड़कों की चौड़ाई 20 फुट होती है जिस वजह से उद्योगों का मानचित्र स्वीकृत कराने में समस्या आ रही है। उद्योग के निर्माण से पूर्व उद्यमियों को अनेक NOC लेनी होती है यह NOC प्राधिकरण द्वारा मानचित्र स्वीकृति के दौरान मॉग की जाती है। जबकि गुजरात सरकार द्वारा फेक्ट्री एक्ट लागू हो जाने पर किसी NOC की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस संदर्भ में उद्यमी चाहते हैं उसका कोई समाधान निकाला जाए व लैंड यूज़ सर्टीफिकेट की प्रक्रिया को सरल किया जाए। निवेश मित्र में आ रही समस्याओं का निराकरण कराने में उद्यमियों की सहायता व समस्याओं का स्वयं निरीक्षण करें अन्य संबंधित विभागों को भी निर्देश मुहैय्या कराएं कि वह दिए गए वक्त में NOC की व्यवस्था कर दें। उद्यमियों द्वारा इकाई का मानचित्र विभाग में प्रस्तुत किया जाता है लेकिन कोई न कोई कमी निकालकर उसको वापिस कर दिया जाता है। मानचित्र स्वीकृत न होने की वजह व स्वीकृति में विलम्ब होने के कारण उद्यमियों के बैंक लोन नहीं हो पाते है जिसमें उद्यमियों के हौसले टूटने से उद्योग जगत का विकास नहीं हो पाता। जिस हेतु उद्यमियों के लिए अप्रूव्ड कालोनी का प्रस्ताव रखा जाये।


मानचित्र स्वीकृत कराने में उद्यमियों की सहायता करें और सम्भव हो तो कम्पाउंडिंग मानचित्र कमेटी का गठन करें जिसमें ऑफिसर्स कम्पाउंडिंग में आ रही समस्याओं का निराकरण कराने में उद्यमियों की सहायता कर उनका मानचित्र स्वीकृत कराने में सक्षम हो। कम्पाउंडिंग की प्रक्रिया को जटिल न करते हुए फ्लेक्सिबल बनाया जाए। जिन उद्योगों के पास भूमि की कमी है इस दशा में साइड सैट बैक छोडना संभव नहीं हो पा रहा है इस पर मुजफ्फरनगर विकास प्रधिकरण के पास क्या प्रावधान है जिससे नई इण्डस्ट्री स्थापित हो सके। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग व आवास बंधु जियो उद्योग के निर्माण में मिलने वाली सुबिधाओं के बारे में हो उनको पोर्टल पर अपलोड कराया जाए। डवलपमेन्ट के संबंध में वऔद्योगिक विकास के संबंध में शासनादेश की सूची पोर्टल पर मुहैय्या करायी जाये। दूसरी ओर प्रदूषण विभाग के अधिशासी अभियन्ता मौ० इमरान ने बताया कि आगामी समय में प्रदूषण का स्तर बढ जाता है क्योंकि पराली का धुँआ आदि अन्य कारणों से भी वातावरण प्रदूषित होता है जिससे उद्योग प्रभावित होते है। एन०जी०टी० द्वारा भी पोल्यूशन ग्रेप लगा दिये जाते है इन सबके बावजूद इकाईयों को जागरूक रहना होगा और कम से कम संसाध नों का प्रयोग कर बढते प्रदूषण पर नियंत्रण रखना होगा। उक्त समस्याओं के संबंध में दोनों विभाग के अधिकारियों द्वारा फेडरेशन को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही समाधान कराया जायेगा। बैठक का संचालन अभिनव स्वरूप (सचिव) द्वारा किया गया।

बैठक में मुख्य रूप से नरेन्द्र गोयल (उपाध्यक्ष), अभिनव स्वरूप, अरविन्द गुप्ता (कोषाध्यक्ष), नीलकमल पुरी (पूर्व अध्यक्ष), अशोक अग्रवाल (पूर्व अध्यक्ष), अंकुर गर्ग (पूर्व अध्यक्ष), के० एल० अग्रवाल (पूर्व सचिव), कुंज बिहारी अग्रवाल, नवीन जैन, सुशील अग्रवाल, विवेक गोयल, सागर वत्स, जगरोशन गोयल, आशीष गर्ग, प्रसुन्न अग्रवाल, राहुल अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

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