CMO ने दिए ऑक्सीजन में गड़बड़ी की जांच के आदेश

दूसरी लहर में मेरठ के केएमसी अस्पताल में पिछले दिनों हुई मौतों को लेकर अब स्वास्थ्य विभाग ने जांच के निर्देश दिए हैं

Update: 2021-05-31 11:56 GMT

मेरठ। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच लोगों की जान गई है। चारों तरफ हाहाकार मचा रहा। लोगों में अफरा-तफरी मच रही। इस बीच के कई जगह से ऑक्सीजन की कालाबाजारी का भी मामला सामने आया। कई लोग गिरफ्तार भी हुए। अब सीएमओ मेरठ की तरफ से ऑक्सीजन में गड़बड़ी के आरोप पर जांच के आदेश दिए गए हैं।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में मेरठ के केएमसी अस्पताल में पिछले दिनों हुई मौतों को लेकर अब स्वास्थ्य विभाग ने जांच के निर्देश दिए हैं। सोमवार को प्रसपा नेता शैंकी वर्मा और अन्य कार्यकर्ता ने सीएमओ का घेराव किया। जिसमें अस्पताल से निकाले गए एक युवक ने वीडियो वायरल करते हुए यह आरोप लगाए थे कि अस्पताल में ऑक्सीजन का प्रेशर कम किया जाता था। जिससे मरीजों की अधिक मौत हुई।

मेरठ के बागपत रोड पर स्थित केएमसी अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने कोविड सेंटर बनाया। अस्पताल में कार्यरत एक कर्मचारी देवेंद्र की एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुई थी। जिसमें देवेंद्र ने आरोप लगाया था कि अस्पताल के डॉक्टर और अन्य स्टाफ के सदस्य मुझसे यह कहते थे कि ऑक्सीजन का प्रेशर 4 की जगह दो करना है। प्रेशर कम होने के कारण ऑक्सीजन कम खर्च होगी। जिसके कारण केएमसी अस्पताल में ज्यादा मौतें हुईं। देवेंद्र ने यह भी आरोप लगाया था कि बाद में मुझे मारपीट कर अस्पताल से निकाल दिया गया।

इस संबंध में केएमसी अस्पताल के प्रबंधक डॉ सुनील गुप्ता का कहना था कि पूरी तरीके से आरोप गलत थे। अस्पताल की छवि खराब करने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करे जो सच्चाई होगी वह सामने आ जाएगी।

प्रसपा नेता जीतू नागपाल, शैंकी वर्मा तथा यथार्थ के सारथी जूही त्यागी ने केएमसी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों की उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए सीएमओ को घेराव किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन भी दिया। जहां केएमसी के कर्मचारी देवेंद्र ने भी अपनी बात लिखित रूप में सीएमओ को दी। प्रसपा नेताओं ने कहा कि केएमसी अस्पताल पर कर्मचारी देवेंद्र के द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर है यदि अस्पताल की लापरवाही के कारण लोगों की मौत हुई है तो यह पूरा मामला हत्या का बनता है। अस्पताल के द्वारा कर्मचारी देवेंद्र को पीटना और उसे जाति सूचक शब्द कहना बेहद निंदनीय है। देवेंद्र ने बताया था कि उसकी जान को भी खतरा है। उसे अस्पताल में एक महीने तक बंधक बनाकर रखा गया। उसी क्रम में शैंकी वर्मा ने कहा कि जिन लोगों ने देवेंद्र के साथ मार-पिटाई की और उसे बंधक बनाकर रखा उनपर पुलिस प्रशासन मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करें। तथा जो ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतों का आरोप देवेंद्र ने लगाया है उसकी उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच कराई जाए। और मेरठ की जनता के सामने सच्चाई लाई जाए। सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन का कहना है कि पूरे मामले में कमेटी बनाकर जांच कराई जा रही है। जांच में जो भी सही पाया जाएगा उसी का आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Tags:    

Similar News