लेखपाल का बड़ा खेल-रिश्वत के नहीं दिए सौ रुपए- बना दिया भूमाफिया
मामला उजागर होने पर नेत्रहीन गरीब व्यक्ति को भूमाफिया घोषित करने वाले लेखपाल को जिलाधिकारी द्वारा निलंबित कर दिया गया है
बरेली। उत्तर प्रदेश में एक लेखपाल ने बड़ा खेल करते हुए जन्म से नेत्रहीन व्यक्ति को 100 रूपये की रिश्वत नहीं देने पर भूमाफिया घोषित कर दिया। इसे लेकर प्रशासन की ओर से की गई कार्यवाही के अंतर्गत नेत्रहीन किसान की तकरीबन 5 बीघा भूमि पर खड़ी फसल की नष्ट कर दी गई। मामला उजागर होने पर नेत्रहीन गरीब व्यक्ति को भूमाफिया घोषित करने वाले लेखपाल को जिलाधिकारी द्वारा निलंबित कर दिया गया है और उसके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।
अधिकृत सूत्रों की ओर से बताया गया है कि जनपद बरेली की मीरगंज तहसील क्षेत्र के गांव सुल्तानपुर निवासी 62 वर्षीय महेंद्र पाल सिंह दुर्भाग्य से जन्म से नेत्रहीन है। तकरीबन 40 साल पहले महेंद्र पाल सिंह को सरकार की ओर से किए गए पट्टा आवंटन के तहत केवल 5 बीघा जमीन जीवन यापन के लिए मिली थी। भूमि को बटाई पर देकर नेत्रहीन किसान अपना और परिवार का पालन पोषण करता है।
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले महेंद्र पाल सिंह ने लेखपाल से खसरा की नकल मांगी थी और इस काम के लिए लेखपाल ने 100 रूपये बतौर रिश्वत मांगें जबकि महेंद्र 20 रुपये देना चाहता था क्योंकि निर्धारित शुल्क 20 रुपये तय है। इस पर कुछ विवाद हुआ और लेखपाल नाराज हो गया। लेखपाल ने चार मई को राजस्व टीम से मिलकर उसकी जमीन में खड़ी फसल को पलटवा कर उसे भूमाफिया घोषित करा दिया था।
इससे पीड़ित ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर इच्छा मृत्यु मांगी, तब शासन स्तर पर जांच शुरू हो गई और बरेली जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जांच कराई गई।
जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने पत्रकारों को बताया कि लेखपाल मोरपाल गंगवार को जांच में दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया और विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए।