गजब-लखपति किसान भी बने गरीब-ले रहे मुफ्त में गेहूं और चावल

तकरीबन 3 लाख रूपये से भी अधिक का गेहूं और धान हर साल सरकार के क्रय केंद्रों पर बेचने वाले लखपति किसान भी गरीब बन गए हैं

Update: 2021-08-23 09:45 GMT

कानपुर। तकरीबन 3 लाख रूपये से भी अधिक का गेहूं और धान हर साल सरकार के क्रय केंद्रों पर बेचने वाले लखपति किसान भी गरीब बन गए हैं। जिसके चलते ऐसे लखपति किसान सरकार की ओर से गरीबों को राहत के तौर पर दिए जा रहे मुफ्त के गेहूं और चावल का कट्टा भरकर अपने घरों पर ले जा रहे हैं। खाद्य आयुक्त ने जांच पड़ताल की तो 834 लखपति किसानों के गलत तरीके से राशन कार्ड बने होने की पुष्टि हुई। इसके लिए डीएसओ को जांच के निर्देश दिए गए हैं।

केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना वायरस की दूसरी लहर से प्रभावित हुए देश में सभी राज्यों के लोगों को मुफ्त में 5 किलो गेहूं और चावल दिया जा रहा है। जिसका ऐसे लखपति किसान भी लाभ उठा रहे हैं जो हर साल सरकारी क्रय केंद्रों पर तकरीबन तीन लाख रूपये से भी अधिक का गेहूं और धान बेचते हैं। मामले का खुलासा होने पर खाद्य आयुक्त एवर राजमौली ने जब जांच पड़ताल कराई तो 834 लखपति किसानों के गलत तरीके से राशन कार्ड बने होने की पुष्टि हुई। इस बाबत खाद्य आयुक्त की ओर से डीएसओ को गहनता के साथ जांच पड़ताल किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इस बात का खुलासा होते ही अब लखपति किसानों के राशनकार्ड निरस्त करते हुए उनसे रिकवरी करने के लिए कहा गया है। जिला पूर्ति अधिकारी ने मामले की जांच शुरू करा दी है। गेहूं व धान की खरीद पूरी होने के बाद खाद्य आयुक्त एवी राजमौली की ओर से जब रिव्यू किया गया तो इसमें किसानों की ओर से लगाए गए दस्तावेजों की जांच कराई गई। जिसमें 834 कार्ड से गलत तरीके से राशन उठने की जानकारी हासिल हुई। कानपुर के डीएसओ अखिलेश श्रीवास्तव के मुताबिक पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्ड की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आते ही सभी के कार्ड निरस्त कर दिए जाएंगे।

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