दूसरी लहर का असर -कम हुये हवाई यात्री

कोविड-19 की दूसरी लहर का असर विमानन क्षेत्र पर दिखना शुरू हो गया है हवाई यात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

Update: 2021-04-21 09:35 GMT

नई दिल्ली। कोविड-19 की दूसरी लहर का असर विमानन क्षेत्र पर दिखना शुरू हो गया है और अनलॉक के बाद पहली बार मार्च में घरेलू मार्गों पर हवाई यात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2021 में उड़ानों में खाली सीटों की संख्या बढ़ गई है। इससे देश में हवाई यात्रियों की संख्या एक माह पूर्व की तुलना में घटकर 78 लाख 22 हजार रह गई। फरवरी में घरेलू मार्गों पर 78 लाख 27 हजार यात्रियों ने सफर किया था।

पिछले साल कोरोना की पहली लहर के समय दो महीने तक नियमित उड़ानें पूरी तरह बंद रहने के बाद यह पहला मौका है जब माह दर माह आधार पर हवाई यात्रियों की संख्या कम हुई है। यह तब हुआ है जब उड़ानों में कोई कटौती नहीं की गई है। इससे पहले अनलॉक शुरू होने के बाद से यात्रियों की संख्या हर महीने बढ़ रही थी।

पिछले साल 25 मई से नियमित घरेलू उड़ानें दुबारा शुरू की गई थीं। मई 2020 में सात दिन में 2.81 लाख यात्रियों ने ही सफर किया था। जून 2020 में यह संख्या बढ़कर 19.84 लाख, जुलाई में 21.07 लाख, अगस्त में 28.32 लाख, सितंबर में 39.43 लाख, अक्टूबर में 52.71 लाख, नवंबर में 63.54 लाख और दिसंबर 2020 में 73.27 लाख पर पहुंच गई।

इस साल जनवरी में 77.34 लाख और फरवरी में 78.27 लाख लोगों ने हवाई यात्रा की। लेकिन मार्च में यात्रियों की संख्या घटकर 78.22 लाख रह गई।

इस साल मार्च में काफी सीटें खाली रहीं जिससे सभी विमान सेवा कंपनियों का भरी सीटों का अनुपात (पीएलएफ) फरवरी के मुकाबले कम हुआ है। किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट का ​पीएलएफ फरवरी के 78.9 से घटकर मार्च में 76.5 पर आ गया। गोएयर का पीएलएफ 76.5 से घटकर 71.5 पर, एयर इंडिया का 78.3 से कम होकर 70.6 पर, स्टार एयर का 79 प्रतिशत से 70.5 प्रतिशत पर और इंडिगो का 74.4 प्रतिशत से 66.4 प्रतिशत पर आ गया।

एयर एशिया का पीएलएफ 67.9 प्रतिशत से घटकर 65.1 प्रतिशत पर, विस्तारा का 73.7 प्रतिशत से कम होकर 64.5 प्रतिशत पर और ट्रूजेट का 74 प्रतिशत से घटकर 60 प्रतिशत पर आ गया।

वार्ता



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