समाज में जाति-पाति के भेद दूर करने के लिये विशेष प्रयास किये जायें....
स्वतंत्र देश में नागरिक कर्तव्य का पालन ही देशभक्ति का प्रकटीकरण है।
वडोदरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सरसंघचालक मोहन भागवत ने यहां कहा कि समाज में जाति-पाति के भेद को दूर करने के लिये आचरण के माध्यम से विशेष प्रयास हों और सज्जन शक्ति का नेटवर्क बनाने के लिये विशेष प्रयास किये जाने चाहिये। स्वतंत्र देश में नागरिक कर्तव्य का पालन ही देशभक्ति का प्रकटीकरण है।
आरएसएस की ओर से यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार श्री भागवत की उपस्थिति में उनके तीन दिवसीय दौरे के दौरान श्री रेवा सेवा समन्वय समिति, भरूच’ एवं डॉ हेडगेवार जन्म शताब्दी सेवा समिति, वडोदरा द्वारा प्रबुद्ध नागरिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। उन्होंने इस अवसर पर आह्वान किया कि सामाजिक समरसता, पारिवारिक उपदेश से संस्कार, चिंतन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी भाव जागृति एवं नागरिक कर्तव्य शिक्षा के
आधार पर समाज में सज्जन शक्ति संगठित होकर कार्य में गतिशील बनकर सामाजिक परिवर्तन के काम में लग जायें और समाज में जाति-पाति के भेद को दूर करने के लिये आचरण के माध्यम से विशेष प्रयास होते रहें। उन्होंने कहा कि सज्जन शक्ति का नेटवर्क बनाने के लिये विशेष प्रयास किये जाने चाहिये। इस अवसर पर समाज में सेवा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, कला, साहित्य, लेखन उद्योग एवं सामाजिक परिवर्तन के क्षेत्र में कार्यरत प्रबुद्ध नागरिकों की उपस्थिति रही एवं प्रतिभागियों ने अपनी परियोजनाओं के बारे में अपने विचार और राय प्रस्तुत किये। आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यसमिति के सदस्य भैयाजी जोशी ने विषय प्रस्तावना में कहा कि विश्व
की सबसे प्राचीन संस्कृति और परंपरा सभ्यता और परंपरा के हम वाहक बन समय-समय पर सामाजिक जीवन में दोषों के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान भी समाज की सज्जन शक्ति जैसे कि अध्यात्म, शिक्षा, कला, उद्योग शक्ति के आधार पर समाधान लाना हमारी परंपरा रही है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति का जीवन संस्कारित बने और उससे पूरा समाज संस्कारित बनेगा। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार भागवत अपने तीन दिवसीय दौरे पर गुजरात के वडोदरा, भरूच और अहमदाबाद आये और सुबह अहमदाबाद से रवाना हो गये।