सपा नेता का आरोप -हत्या के लिये बुलाये गये थे भाड़े के शूटर
सपा नेता ने आरोप लगाया है कि मतदान के दौरान भाड़े के शूटर बुलाये गये थे।
इटावा । उत्तर प्रदेश में ब्लाक प्रमुख का चुनाव सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बड़ी जीत के साथ भले ही सम्पन्न हो गया है लेकिन हार से तिलमिलाये समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं के आरोपों का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में सपा नेता एवं बढ़पुरा ब्लाक से प्रत्याशी आंनद यादव ने आरोप लगाया है कि मतदान के दौरान उनकी हत्या के लिये मध्य प्रदेश से भाड़े के करीब 150 शूटर बुलाये गये थे।
उन्होने कहा कि सत्तारूढ दल के नेता इटावा मे बहुचर्चित बिकरू कांड को दोहराने की फिराक मे थे, तभी तो वे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी के सामने भी लगातार फायरिंग करते रहे। फायरिंग की पटकथा मतदान केंद्र के भीतर खुद एसडीएम और एमएलए मोबाइल फोन पर बात करके बनाने मे जुटे हुए थे । अगर एसडीएम और एमएलए के मोबाइल फोन की जांच हो तो साजिश का खुलासा हो जायेगा ।
सपा नेता ने पत्रकारों से बातचीत मे दावा किया कि वे चुनाव जीत रहे थे। साजिश के तहत भाजपा विधायक व एसडीएम सदर की मिली भगत से उन्हें चुनाव हराया गया है । एसडीएम सदर ने उनके वोटरों को लगातार परेशान किया और एक घंटे तक बैठाये रखा । उनके मतदाताओं को दो किमी पहले ही रोक दिया गया था जबकि भाजपा के मतदाता बैरीकेडिग के पास तक गाड़ियों से आए । जब 52 वोट पड़ गए और उनके 22 वोट रह गए थे तो उनके वोटरों को दो किमी पहले रोक दिया गया था । बाहर पुलिस वाले यह कह रहे थे कि अंदर से जब अधिकारी फोन करेंगे तब हम इन्हें अंदर भेजेंगे । थोड़ी देर बाद एएसपी ग्रामीण ओमवीर सिंह ने अंदर आकर सिविल लाइन थानाध्यक्ष को फोन किया कि वे मतदाताओं को अंदर भेजें।
उन्होंने कहा कि पूरे मामले की काल रिकार्डिंग की जांच होनी चाहिए। भाजपा के छह मतदाताओं को हेल्पर दिए गए इसकी वजह बताई गई कि वह निरक्षर थे जो सरासर गलत था। उनके छह मतदाता छतरपुर, मानिकपुर, लखनऊ व पिलुआ महावीर से उठा लिए गए।
आनंद यादव ने आरोप लगाया कि वे पूरे मामले को लेकर वे कोर्ट भी जाएंगे और चुनाव आयोग से भी गुहार लगाएंगे। अगर उनकी नहीं सुनी गई तो 2022 में सपा की सरकार बनने के बाद इसका जवाब दिया जाएगा।
इस सिलसिले में एसडीएम सदर सिद्धार्थ ने कहा कि मतदान के दौरान सारी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरों में कैद है। इससे जांच करा ली जाए। वे कानून व्यवस्था को लेकर दोनों दलों के लोगों को समझा रहे थे ताकि कोई हिंसा न हो। निरक्षर वोटरों को हेल्पर देने की बात है तो वे उनके स्तर से नहीं दिए गए थे जिला स्तर पर एक कमेटी बनी है जिसने यह आदेश किए थे। सदर विधायक सरिता भदौरिया ने इस घटना पर कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।
वार्ता