ममता के समर्थन में उतरे भाजपा नेता के पुत्र-पार्टी को दी नसीहत

विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली हार के बाद अब नेताओं का उत्साह कम होने लगा है।

Update: 2021-05-30 08:02 GMT

कोलकाता। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली हार के बाद अब नेताओं का उत्साह कम होने लगा है। हार के बाद पार्टी नेताओं में उपजी असंतुष्टि के बीच भाजपा नेता मुकुल राय के बेटे शुभ्रांशु राय द्वारा डाली गई एक फेसबुक पोस्ट को लेकर तरह-तरह के अनुमान लगने शुरू हो गए हैं। शुभ्रांशु ने कहा है कि भाजपा ममता सरकार की आलोचना बंद करते हुए स्वयं का आत्म निरीक्षण करें। 

दरअसल भारतीय जनता पार्टी के नेता मुकुल राय के बेटे शुभ्रांश राय ने शनिवार की रात अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट लिखी है। जिसमें कहा गया है कि विधानसभा चुनाव में जनता का भारी समर्थन प्राप्त करके आई टीएमसी सरकार की आलोचना करने से पहले भाजपा को स्वयं के आत्म निरीक्षण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा है कि भाजपा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद चुनी गई सरकार की आलोचना बंद करते हुए स्वयं का आत्म निरीक्षण करें। गौरतलब है कि भाजपा नेता मुकुल राय के पुत्र शुभ्रांशु राय ने वर्ष 2019 में अच्छे दिनों की आस में अपनी तत्कालीन पार्टी तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। हाल ही में पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर राज्य की बिजपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन पार्टी के अन्य उम्मीदवारों की तरह उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के बहुत सारे नेता और तत्कालीन विधायक अपनी पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में इस उम्मीद के साथ शामिल हुए थे कि यह पार्टी राज्य विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करते हुए अपनी सरकार बनाएगी। विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और अन्य तरह के प्रहार का कोई भी मौका नहीं छोड़ा था। मतदान के बाद भाजपा की ओर से बयान बाजी करते हुए भारी बहुमत से जीत हासिल कर सरकार बनाने के दावे किए गये थे। लेकिन जब ईवीएम मशीनों से परिणामों का पिटारा खुला तो भाजपा बुरी तरह से चुनाव में हारती हुई दिखाई दी। हालांकि पार्टी नेता राज्य में मिली सीटों को भी अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले अच्छे दिनों की आस में टीएमसी छोड़कर भाजपा में गए ज्यादातर नेता अब वापस अपने घर लौटने के प्रयासों में लगे हुए हैं।

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