वन रक्षकों की गोलीबारी में इतने लोगों की मौत, होनी चाहिए जांच...
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने मंगलवार को मेघालय के मुख्यमंत्री के ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए कहा कि
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने मंगलवार को मेघालय के मुख्यमंत्री के ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए कहा कि वह मेघालय के पश्चिम जयंतिया हिल्स जिला के मुकरोह गांव में असम पुलिस और असम वन रक्षकों की गई गोलीबारी में असम के एक वन अधिकारी सहित 6 लोगों की मौत की जांच करना चाहता है। आयोग की आज यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि ऐसा लगता है कि यह घटना दो राज्यों असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद के कारण हुई है यह बड़ा मुद्दा काफी समय से लंबित है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि यदि इस विवाद का समाधान हो जाता, तो इस प्रकार की घटना को टाला जा सकता था। राज्यों के बीच विवाद चाहे जो भी हो, ऐसी स्थितियों में पुलिस को संयम बरतना होता है। इसलिए, आयोग पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद के क्षेत्रों में सशस्त्र बलों/पुलिस द्वारा गोलीबारी के संचालन के बारे में एसओपी, यदि कोई हो, की जांच करना चाहेगा।
आयोग ने केन्द्रीय गृह सचिव और असम सरकार के मुख्य सचिव, दिसपुर को ज्ञापन प्रेषित किया है। उन्हें इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद है, तंत्र विकसित करना एवं जांच करना और उपाय सुझाने को लेकर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि यह घटना असम पुलिस और असम वन रक्षकों द्वारा लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक का पीछा करने के बाद हुई। इन बलों द्वारा ट्रक को मुकरोह गांव में हिरासत में लिया गया था। मुकरोह के ग्रामीण अपने गांव में असम पुलिस की एंट्री से आक्रोशित हो गए। उन्होंने असम पुलिस और असम वन रक्षकों को घेर लिया, जिसके परिणामस्वरूप गोलीबारी हुई। घटना में चार की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, अन्य चार गंभीर रूप से घायल ग्रामीणों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें से दो ग्रामीणों की अस्पताल में मौत हो गई थी।