टूटी ट्रैक देखकर किसान ने ऐसे टाल दिया बड़ा रेल हादसा- सूझबूझ की..
किसान को कपड़ा लहराते देखकर लोको पायलट ने भी समझदारी दिखाते हुए टूटे ट्रैक से पहले ही ट्रेन को रोक दिया।
प्रयागराज। राजधानी लखनऊ की तरफ यात्रियों के साथ ट्रैक पर फर्राटा भरते हुए द्रुत गति से दौड़ रही गंगा गोमती एक्सप्रेस सवेरे के समय हादसे का शिकार होने से बाल बाल बच गई है। लाल गोपालगंज के पास जब एक किसान ने रेलवे पटरी को क्रैक हुए हुए देखा तो उसने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए अपने अंगोंछे को डंडे में बांधकर लहराना शुरू कर दिया। किसान को कपड़ा लहराते देखकर लोको पायलट ने भी समझदारी दिखाते हुए टूटे ट्रैक से पहले ही ट्रेन को रोक दिया। बाद में इंजीनियरिंग विभाग के अफसर ने काशन लगाकर ट्रेन को धीमी गति से वहां से निकला। शुक्रवार को गोमती गंगा एक्सप्रेस प्रयागराज से यात्रियों को बैठाकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए रवाना हुई थी। ट्रैक पर फर्राटा भरते हुए दौड़ रही ट्रेन जब तेजी के साथ अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रही थी, उसी दौरान खेती-बाड़ी के सिलसिले में जंगल गए किसान ने लालगोपालगंज के पास रेलवे ट्रैक को क्रेक हुए देखा।
किसान के दिमाग में तेजी के साथ यह बात घूम गई कि यदि ट्रेन क्रेक हुई लाइन से होकर गुजरी तो हादसा हो जाएगा। ऐसे हालातों में सूझबूझ से काम लेते हुए किसान ने अपने अंगोछे को एक डंडे पर बांधा और रेलवे ट्रैक के पास पहुंचकर उसे लहराना शुरू कर दिया। रेलवे लाइन पर लाल कपड़ा लहरा रहे किसान को जब लोको पायलट ने देखा तो उसने समझदारी दिखाते हुए ट्रेन को मौके से पहले ही रोक दिया। ट्रेन से उतरे ड्राइवर समेत अन्य रेलवे कर्मचारी जांच के लिए मौके पर पहुंचे। जहां ट्रैक क्रेक हुआ पड़ा था। सूचना मिलने के बाद लालगोपालगंज से रेलवे की टीम को मौके पर भेजा गया। इंजीनियरिंग विभाग के लोगों ने तत्काल पटरी पर कॉशन लगाकर ट्रेन को धीमी गति से आगे बढ़ाया। इस दौरान तकरीबन 40 मिनट तक ट्रेन जंगल में ही खड़ी रही। रेलवे पटरी लालगोपालगंज रेलवे स्टेशन के पूर्वी केबिन के नजदीक टूटी थी। सूझबूझ से काम लेते हुए ट्रेन रोकने वाले किसान बब्बू कि अब चौतरफा तारीफ हो रही है।