कैडी। सीबीएसई बोर्ड के कुछ दिन पहले ही परिणाम जारी हुआ था इस साल 12वीं की परीक्षा में 31 लाख से अधिक अभियार्थी उपस्थित रहे। जिसमें से 18.1 लाख लड़के और 12.9 लाख लड़कियों ने परीक्षा दी थी। जनपद शामली के गाँव कैडी निवासी इकरार सैफी ने दिव्य पब्लिक स्कूल से 12वीं पीसीबी से 95.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर स्कूल में नम्बर वन बने। इकरार सैफी मानसरोवर पब्लिक स्कूल से 10 वीं में स्कूल में अव्व्ल रहे थे।
बता दें कि इकरार सैफी ने जनपद शामली के गांव कैडी में 3 जून 2001 को जन्म लिया था। इकरार सैफी के पिता की एग्रीकल्चर की शाॅप है। इकरार सैफी ने बताया है कि इकरार सैफी अपने पापा को ही अपना आदर्श मानते है। इकरार सैफी ने कभी कोचिंग नही की और बिना कोचिंग किये ही इकरार सैफी ने 12वीं क्लास में 95.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दिव्य पब्लिक स्कूल को टाॅप किया। इकरार सैफी ने 10वी तक मानसरोवर पब्लिक स्कूल से पढे थे। इकरार सैफी ने 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए 96.5 अंक प्राप्त कर मानसरोवर पब्लिक स्कूल को भी टाॅप किया था। इसके बाद इकरार सैफी ने अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आर्किटेक्चर में एडमिशन लेकर आर्किटेक्ट बनने का लक्ष्य बनाया था। एडमिशन के एक साल बाद के कुछ दिन बाद ही इकरार सैफी की तबियत खराब होने के कारण से आर्किटेक्चर की पढाई को छोड़ दिया था। इकरार सैफी ने ठीक होने के बाद अपना लक्ष्य चेंज करते हुए दिव्य पब्लिक स्कूल की 12 क्लास पीसीबी साइड में एडमिशन लिया। 12वी क्लास के परिणाम में इकरार सैफी ने 95.6 अंक प्राप्त कर दिव्य पब्लिक स्कूल को टाॅप कर अपने गांव का नाम रोशन किया। इकरार सैफी की सफलता पर उसके पिता निसार सैफी व परिवार ने गर्व महसूस किया। इकरार की इस उपलब्धि के बाद उसके घर बधाई देने वाला का तांता लगा हुआ है। इकरार के पिता व परिवार और अन्य लोगों ने उसे आर्शीवाद देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। इकरार सैफी अब एम.बी.बी.एस डाॅक्टर बनना चाहते है।