DU कुलपति का अल्लामा इकबाल के बारे में पढ़ाने से इंकार- बोले विभाजन...

शुरुआत करने वाले कवि अल्लामा इकबाल के बारे में दिल्ली यूनिवर्सिटी में कोई जानकारी नहीं दी जाएगी।;

Update: 2024-08-15 11:18 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने कवि अल्लामा इकबाल के बारे में पढ़ाने से इनकार करते हुए उन्हें भारत विभाजन का जिम्मेदार करार दिया है। डीयू कुलपति ने स्टूडेंट से देश की एकता और अखंडता के साथ समझौता नहीं करने की अपील की है।

78 वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के विभाजन के लिए कवि अल्लामा इकबाल को सबसे बड़ी वजह करार देते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने उनके बारे में पढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश सिंह का कहना है कि कवि अल्लामा इकबाल के बारे में विचार रखने का सभी को अधिकार है, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय देश की एकता एवं अखंडता के साथ समझौता नहीं करेगा।

उन्होंने ऐलान किया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और विनायक दामोदर सावरकर के बारे में पढ़ायेगा, लेकिन भारत के विभाजन की शुरुआत करने वाले कवि अल्लामा इकबाल के बारे में दिल्ली यूनिवर्सिटी में कोई जानकारी नहीं दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के संस्थापक रहे मोहम्मद अली जिन्ना के सलाहकार कवि अल्लामा इकबाल ने वर्ष 1904 में गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर का छात्र रहते हुए सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा लिखा, लेकिन उन्होंने इस तराना ए हिंद को खुद कभी स्वीकार नहीं किया।

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