जीवन व राष्ट्र को ऊंचाई पर ले जाने का मध्य में रचनात्मक कार्य व नवाचार

यूनाईटेड नेशन के अनुसार रचनात्मकता की कोई सार्वभौमिक समझ नहीं हो सकती है।

Update: 2024-04-21 09:34 GMT

मुजफ्फरनगर। श्री राम ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस में धूमधाम के साथ मनाए गए वर्ल्ड क्रिएटिविटी और इनोवेशन डे के मौके पर कॉलेज के निदेशक डॉक्टर एस एन चौहान ने कहा है कि विद्यार्थियों को दिन प्रतिदिन अपने जीवन में रचनात्मक कार्य एवं नवाचार करते रहना चाहिए। क्योंकि इनके माध्यम से हम अपने जीवन एवं राष्ट्र को उन्नति के शिखर तक ले जा सकते हैं।

रविवार को श्री राम ग्रुप आफ कॉलेजेस में वर्ल्ड क्रिएटिविटी एंड इनोवेशन डे धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में वर्ल्ड क्रिएटिविटी एंड इनोवेशन डे के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि सीफेड (सेंटर फॉर इनोवेशन, फैब्रिकेशन एण्ड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट) सैल के तहत एक पहल है। यह दिवस प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को मनाया जाता है ताकि लोगों को यह बताया जा सके कि मानव विकास में नवाचार और रचनात्मकता कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के निदेशक डॉ0 एस0एन0 चौहान द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को दिन प्रतिदिन अपने जीवन में रचनात्मक कार्य एवं नवाचार करते रहना चाहिये, जिससे हम अपने जीवन एवं राष्ट्र को उन्नति के शिखर तक ले जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन को यूनाईटेड नेशन द्वारा 21 अप्रैल को मनाये जाने का प्रस्ताव रखा गया। यूनाईटेड नेशन के अनुसार रचनात्मकता की कोई सार्वभौमिक समझ नहीं हो सकती है।


डॉ एस एन चौहान ने बताया है कि नवाचार एवं रचनात्मकता प्रत्येक व्यक्ति के अन्दर छुपी हुई प्रतिभा होती है, केवल उसको धरातल पर उतारने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया है कि विश्व रचनात्मकता एवं नवाचार दिवस महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मानव विकास और वैश्विक समस्याओं को हल करने में रचनात्मक और नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। डॉ एस एन चौहान ने बताया है कि यह दिन व्यक्तियों और संगठनों को नये और अभिनव समाधान विकसित करने के लिये अपनी रचनात्मकता और नवाचार का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित करता है और सतत विकास को बढ़ावा देता है, रोजगार पैदा करता है और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाता है जिससे लोगों के जीवन में सुधार होता है।

उन्होंने बताया है कि रचनात्मकता और नवाचार के मूल्यों को पहचानने से आर्थिक विकास में भी बढ़ावा होता है। संयुक्त राष्ट्र ने भी अपने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये रचनात्मकता और नवाचार के महत्व को मान्यता दी है। श्री राम गु्रप ऑफ कॉलेजेज, मुजफ्फरनगर में इस अवसर पर आई0आई0सी0 के शिक्षक सदस्यों द्वारा सेमिनार आयोजित किया गया एवं विद्यार्थियों द्वारा उनके विचार और आईडिया प्रस्तुत किये गये।

इस अवसर पर श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के निदेशक डॉ0 एस0एन0 चौहान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस को अपनी वैश्विक पहल का एक अनिवार्य हिस्सा बनाना चाहिये और विद्यार्थियों के अन्दर नवाचार के प्रति जागरूकता लानी चाहिये ताकि नवाचार से एन्टरप्रिन्योरशिप और एन्टरप्रिन्योरशिप से स्वयं एवं भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इस अवसर पर श्री राम कॉलेज आफ इंजीनियरिंग, मुजफ्फरनगर की डीन डॉ0 सुचित्रा त्यागी एवं आई.आई.सी.-एस.आर.जी.सी. के इं. कनुप्रिया, इ. शुभी वर्मा, इं. विवेक अहलावत, इं. आकाश काकरान व इं. फिरोज अली आदि उपस्थित रहे।

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