बरमूडा में पहुंचे उपभोक्ता को EXN दफ्तर से भगाया- हटाए गए अफसर
आनन फानन में एक्सईएन को हटाते हुए ग्राहक को उसकी रसीद दे दी गई है।;
लखनऊ। बिजली कनेक्शन में नाम बदलवाने के लिए दिए गए आवेदन पर हुई कार्यवाही की जानकारी लेने के लिए बरमूडा एवं टी शर्ट पहनकर बिजली के दफ्तर पहुंचे ग्राहक को सिक्योरिटी गार्ड ने रोक दिया और तमीज के कपड़े पहनकर आने को कहा। एक्सईएन ने भी जब उपभोक्ता के कपड़ों पर नाराजगी जताई तो उसने अपनी शिकायत ऊर्जा मंत्री को टैग करते हुए बिजली विभाग को कर दी। आनन फानन में एक्सईएन को हटाते हुए ग्राहक को उसकी रसीद दे दी गई है।
दर असल महानगर के इंदिरा नगर मयूर रेजिडेंसी के रहने वाले आदर्श कुमार श्रीवास्तव ने खरीदे गए मकान के बिजली के कनेक्शन में नाम बदलवाने के लिए आवेदन किया था। बृहस्पतिवार को आदर्श कुमार मुंशी पुलिया डिविजन दफ्तर पहुंचकर जब एक्सईएन जयसिंह के कमरे में जाने लगे तो वहां पर सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें रोक लिया और कहा कि साहब ने बरमूडा एवं टी-शर्ट में आने वाले को दफ्तर में आने से मना कर रखा है।
उपभोक्ता के विरोध पर सिक्योरिटी गार्ड जब एक्सईएन से पूछने गया तब उन्होंने कहा कि यह कौन सा तरीका है ऑफिस में आने का? बरमूडा पहने हो कपड़े बदलकर आओ, तब काम होगा।इसी बीच दफ्तर में मौजूद किसी व्यक्ति ने एक्सईएन के कमरे बाहर हुए इस मामले को वीडियों बनाकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के निर्देश पर पावर कारपोरेशन के अफसरों ने शाम तक बरमूडा पहनकर आने से मना करने वाले एक्सईएन को हटाने का आदेश जारी कर दिया और इंजीनियर संजीव कुमार सिंह को मुंशी पुलिया डिवीजन का एक्सईएन नियुक्त कर दिया।
उपभोक्ता ने जब ऊर्जा मंत्री के दफ्तर में अपनी शिकायत दर्ज कराई तो आनन फानन में अधिकारियों के फोन उसके पास आने लगे। करीब 4 घंटे बाद एक्सईएन ने नाम परिवर्तन की फाइनल रसीद उसे दे दी और कहा कि दोबारा बरमूडा और टीशर्ट में आओगे तो फिर नहीं आने दूंगा।
उधर हटाये गये एक्सईएन जयसिंह ने उपभोक्ता उत्पीड़न से इनकार करते हुए कहा है कि उस समय कमरे में कैश काउंटर पर जमा रुपए की गिनती हो रही थी। इसलिए उपभोक्ता को 15 मिनट के लिए अंदर आने से रोका गया था।
उधर कुछ लोग उपभोक्ता के शर्ट एवं बरमूडा में एक्सईएन के दफ्तर में जाने को भी गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि आखिर बाहर आने जाने के लिए कुछ नियम कानून है और सरकारी दफ्तरों की भी अपनी एक गरिमा होती है। हर जगह घर या मौहल्ला समझकर इस तरह के कपड़ों में नहीं घूमा जा सकता है।