प्रदेश में ब्लैक फंगस एक साल के लिए महामारी घोषित
सरकार ने ब्लैक फंगस(म्यूकरमाइकोसिस) को एक वर्ष के लिये महामारी घोषित कर दिया गया है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने ब्लैक फंगस(म्यूकरमाइकोसिस) को एक वर्ष के लिये महामारी घोषित कर दिया गया है।
राज्य के स्वास्थय सचिव अमिताभ अवस्थी की ओर से शुक्रवार को ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने सम्बंधी अधिसूचना जारी की गई जिसके तहत सभी सरकारी और निजी अस्पताल ब्लैक फंगस की स्क्रीनिंग, निदान और प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) की ओर से समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। ब्लैक फंगस को लेकर स्वास्थय विभाग की पूर्वानुमति के बिना कोई भी व्यक्ति, संस्थान और संस्था किसी सूचना या सामग्री का प्रसार नहीं कर सकेंगे। महामारी से सम्बंधित नियमों की पालन और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए हर जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी।
स्थानीय इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हाल ही में ब्लैक फंगस का पहला मामला सामने आया था। 52 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव एक महिला की जांच के बाद उनमें ब्लैक फंगस का संक्रमण होने की अस्पताल प्रबंधन ने पुष्टि की थी। उसके बाद से प्रदेश सरकार ब्लैक फंगस को लेकर स्तर्क हो गई है। केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसे महामारी घोषित करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना, तमिनाडू अब तक इस पर अमल कर चुके हैं। अब हिमाचल ने भी इस सम्बंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि ऐसे कोरोना मरीज जिनमें अनियंत्रित तरीके स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया गया और वे मधुमेह जैसे रोग से भी पीड़ित थे तथा प्रतिरोधक क्षमता भी कम थी, उनमें के ब्लैक फंगस होने का जोखिम अधिक है। वातावरण में मौजूद ये फंगस सांस के जरिये अथवा घाव के जरिये शरीर में पहुंचते हैं जो बाद में जानलेवा साबित हो सकते हैं। इससे आंखों की रोशनी जा सकती है। इसके अन्य लक्षण बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, खूनी उल्टी, आंखों या नाक के आसपास दर्द और लाली, फुंसी या छाले पड़ सकते, चमड़ी का काला पड़ना, आंखों में दर्द, धुंधला दिखाई देना, पेट दर्द, उल्टी या मिचली आदि हैं।
वार्ता