कोरोना उपचार पीछे, भ्रष्टाचार आगे

राजद ने नीतीश कुमार पर भी घोटाले करने का आरोप लगाया और ताजा मामला गोपालगंज में सत्तरघाट पुल के टूटने का उठाया है।

Update: 2020-07-20 14:13 GMT

लखनऊ। बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो सियासत गर्म हो गयी है। सत्तारूढ़ जद-यू और भाजपा गठबंधन की सरकार ने मुख्य विपक्षी दल राजद को 15 साल के जंगलराज का जिम्मेदार ठहराते हुए अपनी छवि सुशासन के 15 साल की प्रस्तुत की है। राजद ने नीतीश कुमार पर भी घोटाले करने का आरोप लगाया और ताजा मामला गोपालगंज में
 सत्तरघाट पुल के टूटने का उठाया है। इस बीच राज्य में बाढ़ की गंभीर स्थिति को नेपाल के मत्थे मढ़कर कोरोना की विभीषिका को भी पर्दे के पीछे किया जा रहा है। बिहार में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 20 हजार के पार पहुंच गया है। भाजपा के नेता भी ठीक से इलाज न मिलने की शिकायत कर रहे हैं। गत दिनों एक तस्वीर सामने आयी थी जिसमें  सुपौल के कोविड-19 सेंटर में पानी भर गया और डाक्टर अमरेन्द्र कुमार ठेले पर बैठकर सेंटर में पहुंचे। राजभवन से लेकर सीएम आवास तक कोरोना का संक्रमण है तो अस्पतालों तक बाढ़ का पानी। इससे बेखबर बिहार की सियासत में भ्रष्टाचार के आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है। पुल ढहने के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उंगली उठ रही है। हालांकि इसकी जांच के आदेश दिये जा चुके हैं।

बिहार इस वक्त दोहरी मुसीबत से जूझ रहा है। एक तरफ बाढ़ का कहर और दूसरी तरफ कोरोना की मार, बाढ़ के लिए नेपाल ने बांध खोल दिये। कोरोना बेकाबू है। ऊपर से प्रशासन की नाकामी। सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार के दावों की पोल गोपालगंज में पुल का एक हिस्सा ढहने से खुल गई। एक महीने पहले ही सत्तरघाट महासेतु का उद्घाटन हुआ था और 264 करोड़ की लागत पानी में बह गई। 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुल का उद्घाटन किया था। लोगों का कहना है कि एक माह पूर्व ही इस पुल का उद्घाटन हुआ था। पानी के ज्यादा दबाव के कारण पुल टूट गया है। लोगों के आने-जाने का लिंक समाप्त हो गया है। इधर के लोगों का लालछापर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया जाने का लिंक बंद हो गया है। ये पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था। बताया गया कि गोपालगंज में 15 जुलाई को तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था। गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टूट गया।

बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में यह पुल टूटा है। बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी ने इस मामले की जानकारी बिहार के पथ निर्माण विभाग के मंत्री नंद किशोर यादव को दी। इस सेतु का निर्माण बिहार पुल निर्माण विभाग द्वारा कराया गया था। साल 2012 में इस पुल का निर्माण शुरू किया गया था। निर्माण पूरा होने के बाद पिछले 16 जून को ही इस महासेतु का उद्घाटन किया गया था।

विपक्ष के लिए सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया। इस घटना पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि 8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था और 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं।

बिहार के गोपालगंज में पुल ढहने पर आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह करार दिया है। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार सिर्फ दिखावे के लिए काम कर रहे हैं। तेजस्वी ने कहा गोपालगंज में पुल का एक हिस्सा ढहने से नीतीश सरकार के सुशासन के दावों की पोल खुल गई। एक महीने पहले ही सत्तरघाट महासेतु का उद्धाटन हुआ था और 264 करोड़ की लागत पानी में बह गई।

तेजस्वी यादव ने कहा कि सिर्फ पुल ही नहीं टूटा है, बल्कि जो बांध बना था वो भी साथ में टूटा है। बिहार में सबकुछ भगवान भरोसे है। आरजेडी नेता ने कहा कि इससे पहले भी भागलपुर में एक पुल टूटा था। नीतीश कुमार सिर्फ दिखावे के लिए काम कर रहे हैं। नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह हो गए हैं। तेजस्वी यादव ने साथ ही इस घटना की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदार मंत्री हैं उनको तुरंत बर्खास्त किया जाए। पुल का निर्माण करने वाली कंपनी को भी ब्लैकलिस्ट किया जाए।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुल के निर्माण में जो 264 रुपये खर्च हुए हैं उसकी रिकवरी होनी चाहिए। सभी को पता है कि बिहार बाढ़ से प्रभावित है। कई गांव डूब चुके हैं। ऐसे में हम लोगों को नजारा देखने को मिल रहा है कि पुल और बांध दोनों टूट रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार को चिंता चुनाव की है। बिहार की और बिहार के लोगों की उनको चिंता नहीं है। नीतीश सरकार के 15 साल में 55 घोटाले हुए हैं।

बिहार में कोरोना की हालत भी विकराल हो गयी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की युवा इकाई के अमित कुमार सिंह ने अपनी ही सरकार की पोल खोल दी। पटना महानगर के जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की युवा इकाई के प्रवक्ता अमित कुमार सिंह ने फेसबुक लाइव के जरिए पटना के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच की बदहाली की तस्वीरें दिखाईं। दरअसल, 5 दिन पहले पीएमसीएच में अमित कुमार सिंह के जीजा की मौत हो गई और उन्होंने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ। इस घटना से अमित कुमार सिंह इतने खफा हुए कि उन्होंने अपनी ही सरकार की पोल खोलना शुरू कर दिया और फिर फेसबुक लाइव के जरिए पीएमसीएच की बदहाल तस्वीरों को दिखाया।

फेसबुक लाइव में अमित कुमार सिंह बार-बार कह रहे थे कि पीएमसीएच के किसी भी वार्ड में डॉक्टर और नर्स मौजूद नहीं रहते हैं। फेसबुक लाइव के दौरान अमित कुमार सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू सांसद आरसीपी सिंह का भी नाम ले रहे थे। इस बीच अमित कुमार सिंह ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर अनदेखी का आरोप भी जड़ा। फेसबुक लाइव में अमित कुमार सिंह बार-बार कह रहे थे कि उन्होंने अपने जीजा को बचाने के लिए पार्टी के कई बड़े नेताओं को फोन लगाया, मगर किसी ने भी फोन नहीं उठाया और न ही कोई मदद की।

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की सरकार है। अमित कुमार सिंह ने अपनी सरकार के खिलाफ उस समय मोर्चा खोला है, जब बिहार में विधानसभा चुनाव बेहद करीब आ गए हैं। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और आम लोगों को हो रही परेशानियों को विपक्षी दल बिहार चुनाव में मुद्दा बनाने की कोशिश में हैं। बिहार मंे कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए 15 दिन का लाॅकडाउन करना पड़ा है।

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

Tags:    

Similar News