टिकट कटने से रूठे भाजपा के दो पुराने प्रत्याशी
शर्मा ने कहा कि उन्हें विधान परिषद तो भेजा नहीं गया, उल्टे यह कहा गया कि वे मांट से तैयारी करें
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में टिकट न मिलने से एक मौजूदा विधायक समेत दो पुराने प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से रूठे हुये हैं वहीं मांट विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रत्याशी एक दूसरे के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मांट क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक श्याम सुंदर शर्मा से हार का सामना करने वाले भाजपा नेता एस के शर्मा को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। बकौल एस के शर्मा पार्टी ने उनके साथ धोखा और छल किया है। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा के आठ बार के विधायक श्याम सुंदर के खिलाफ मांट सीट से लड़ने को कहा गया था तथा यह भी कहा गया था कि यदि वे पराजित हो जाएंगे तो उन्हें विधान परिषद भेजा जायेगा।
शर्मा ने कहा कि उन्हें विधान परिषद तो भेजा नहीं गया, उल्टे यह कहा गया कि वे मांट से तैयारी करें। टिकट उन्हें ही दिया जाएगा पर अब उन्हें टिकट नही दिया गया है। उन्होने कहा कि वे कार्यकर्ताओं से बातकर अपने पत्ते खोलेंगे। आज उनके समर्थन मे सैकड़ाें कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं।
उधर, गोवर्धन से भाजपा विधायक कारिन्दा सिंह टिकट काटे पर कहते हैं "अब देख लो हमारी पार्टी की क्या पहचान थी और क्या हो रहा है। पार्टी ने जो किया है बहुत गलत किया है। कार्यकर्ता उनके पास आ रहे हैं और चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं मगर अभी मै कुछ नही करूंगा।" उन्होने कहा कि वे टिकट न मिलने से बहुत अधिक आहत हैं पर पार्टी छेाड़कर वे कहीं नही जा रहे है।
इस बीच मांट विधान सभा सीट पर सपा और रालोद के बीच असली प्रत्याशी को लेकर विवाद हो गया है। रालोद की ओर से योगेश नौहवार को फार्म बी दे दिया गया है वहीं फार्म बी लाने का दावा सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय लाठर भी कर रहे हैं। जबकि सपा और रालोद मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। अगर दोनो ही चुनाव मैदान में रहते हैं तो पूर्व मंत्री श्याम सुन्दर शर्मा का चुनाव आसान हो सकता है।
प्रमुख राजनैतिक दलों की ओर से यहां की पांच विधानसभा सीटों के प्रत्याशी की घोषणा हो चुकी है मगर अभी तक किसी भी प्रत्याशी का नामांकन पत्र दाखिल नही किया गया है।
वार्ता