फिर फिसली स्वामी प्रसाद की जुबान- हिंदू नाम का कोई धर्म ही नहीं
MLC स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से हिंदुओं को निशाना बनाते हुए कहा है कि हिंदू नाम का कोई धर्म ही नहीं है।
लखनऊ। आमतौर पर अपने बयानों को लेकर सोशल मीडिया समेत अन्य सूचना माध्यमों में चर्चाओं के बीच बने रहने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व भगवाधारी स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि हिंदू नाम का कोई धर्म ही नहीं है। यह केवल एक धोखा है। सोमवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से हिंदुओं को निशाना बनाते हुए कहा है कि हिंदू नाम का कोई धर्म ही नहीं है। यह केवल लोगों के साथ एक धोखा है।
उन्होंने कहा कि सही मायने में हिंदू धर्म एक ब्राह्मण धर्म है। हमारे देश में ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी हैं और ब्राह्मणवाद ही सारी विषमताओं का मुख्य कारण भी है। पिछले काफी समय से हिंदू धर्म पर हमलावर स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं पर ही नहीं रुके बल्कि उन्होंने कहा कि ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर इस देश के दलितों, आदिवासियों एवं पिछड़ों को अपने धर्म के मकडजाल में फंसाने की एक गहरी साजिश की गई है।
सोमवार को राजधानी लखनऊ में अर्जक संघ के संस्थापक महामना रामस्वरूप वर्मा की जयंती शताब्दी समारोह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व भगवाधारी स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर हिंदू धर्म वास्तव में कोई धर्म होता तो आदिवासियों का सम्मान किया जाता और दलितों एवं पिछड़ों को पूर्ण सम्मान मिलता। उन्होंने कहा कि यह विडम्बना ही कहीं जा सकती है कि आजादी के 75 साल होने पर अमृत महोत्सव मनाया गया। इसके बावजूद देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मंदिर में अपमान का घूंट पीना पड़ा है।
उन्होंने कहा है कि जब उन्हें के अधीन मंत्रिमंडल का एक मंत्री मंदिर के गर्भ ग्रह में जाकर दर्शन करता है क्योंकि वह ऊंची जाति का है। राष्ट्रपति होने के बावजूद द्रौपदी मुर्मू को इसलिए रोक दिया जाता है कि वह आदिवासी समाज से ताल्लुक रखती है। उन्होेंने कहा कि अगर आदिवासी समाज हिंदू होता तो उनके साथ क्या यह व्यवहार किया जाता।