राज्यसभा के लिए सपा समर्थित उम्मीदवार के रूप में सिब्बल ने किया नामांकन
(सपा) के समर्थन से इस बार संसद के उच्च सदन राज्य सभा में बतौर निर्दलीय सदस्य पहुंचने के लिये अपनी दावेदारी पेश कर दी है
लखनऊ। कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से इस बार संसद के उच्च सदन राज्य सभा में बतौर निर्दलीय सदस्य पहुंचने के लिये अपनी दावेदारी पेश कर दी है।
राज्य सभा में उत्तर प्रदेश से आगामी 04 जुलाई को रिक्त हो रही 11 सीटों पर होने जा रहे चुनाव में सिब्बल ने बुधवार को अपनी भावी सियासी पारी के पत्ते खोलते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ विधान सभा पहुंच कर नामांकन पत्र दाखिल किया। वरिष्ठ वकील सिब्बल कांग्रेस की सरकारों में कई बार मंत्री और लोक सभा एवं राज्य सभा के सदस्य रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नहीं हैं क्योंकि वह 16 मई को ही पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।
नामांकन के समय सिब्बल के साथ अखिलेश के अलावा सपा के राज्य सभा में संसदीय दल के नेता रामगोपाल यादव और सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम सहित अन्य नेता मौजूद थे। सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, "मैं 16 मई को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे चुका हूं। आज निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैंने राज्यसभा के लिए नामांकन किया है। समाजवादी पार्टी मेरा सहयोग कर रही है। अखिलेश यादव का शुक्रिया।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा की उत्तर प्रदेश से 11 सीटों पर 10 जून को होने वाले मतदान के लिए नामांकन कल शुरू हुआ था।
सिब्बल ने कहा, "मैंने राज्य सभा सदस्य के लिये निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है। उच्च सदन में स्वतंत्र रूप से अपनी आवाज उठाते रहने की मेरी हमेशा कोशिश रही है। मुझे खुशी है कि अखिलेश ने इस जरूरत को समझा है।" उन्होंने दलील दी कि किसी दल का सदस्य होेने के कारण दलीय प्रतिबद्धताओं के अनुशासन का ख्याल रखना जरूरी होता है। उन्होंने कहा, "इससे इतर मेरा यह भी मानना है कि सदन में निर्दलीयों की स्वतंत्र आवाज भी होना उतना ही जरूरी है, इसलिये मैं समझता हूं कि जब एक निर्दलीय की आवाज उठेगी, तब लोगों को ऐसा लगेगा कि वह आवाज किसी पार्टी से जुड़ी नहीं है।"
सिब्बल ने कहा कि राज्य सभा में वह अपने पिछले कार्यकाल में भी उत्तर प्रदेश के सदस्य होने के नाते इस राज्य की आवाज उच्च सदन में उठाते रहे हैं और शायद अगले छह साल तक उत्तर प्रदेश की आवाज उठाते रहेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे सिब्बल के पिछले कुछ समय से पार्टी नेतृत्व से मतभेद मुखर होने के बाद वह सार्वजनिक ताैर पर कांग्रेस की कमियों को उजागर कर रहे थे। वह कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के गुट जी-23 का भी हिस्सा रहे हैं।
वार्ता