मिली राज्यपाल की मंजूरी और धर्मांतरण बन गया संज्ञेय व गैर जमानती अपराध

राज्यपाल की ओर से उत्तराखंड के बहुप्रतीक्षित धर्म स्वतंत्रता संशोधन अधिनियम 2022 को स्वीकृति दे दी गई है

Update: 2022-12-23 06:56 GMT

देहरादून। राज्यपाल की ओर से उत्तराखंड के बहुप्रतीक्षित धर्म स्वतंत्रता संशोधन अधिनियम 2022 को स्वीकृति दे दी गई है और उत्तराखंड में गैर कानूनी धर्मांतरण अब एक संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बन गया है। कानून को और अधिक सशक्त बनाने के लिए गैर कानूनी धर्मांतरण की सजा को 2 साल से लेकर 7 साल तक निर्धारित कर दिया गया है। आरोपी पर 25000 के जुर्माना का भी प्रावधान किया गया है।

शुक्रवार को उत्तराखंड के बहुप्रतीक्षित उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन अधिनियम 2022 को राज्यपाल द्वारा अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। राज्य के अपर सचिव विधानसभा की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक विधानसभा द्वारा पारित उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक को राजभवन से स्वीकृति प्राप्त हो गई है। उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन अधिनियम 2022 में गैरकानूनी धर्मांतरण को एक संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है। कानून को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से गैरकानूनी धर्मांतरण की सजा में इजाफा करते हुए इसे अब 2 साल से लेकर 7 साल तक कर दिया गया है। गैरकानूनी धर्मांतरण पर अपराधी पर 25000 रूपये तक का जुर्माना भी अब लगाया जा सकेगा।

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