बंटी के चुनाव की डोर ना काट दे ओवैसी की पतंग
मुजफ्फरनगर शहर विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
मुजफ्फरनगर। कल 10 फरवरी को मतदान होना है और इस समय चुनावी माहौल बहुत गर्म है। मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा सीट पर जहां भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कपिल देव अग्रवाल एवं सपा रालोद गठबंधन के सौरभ स्वरूप उर्फ बंटी के बीच कड़ा मुकाबला है, तो वही ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रत्याशी इंतजार अंसारी मुस्लिम मतों में असदुद्दीन ओवैसी के चेहरे पर सेंध लगाने को तैयार है।
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर शहर विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। लगातार दो बार जीतने के बाद भाजपा के प्रत्याशी कपिल देव अग्रवाल फिर से चुनावी मैदान में है। वहीं सपा रालोद गठबंधन ने इस बार गौरव के बजाय सौरभ स्वरूप पर दांव लगाया है। सौरभ स्वरूप अपने सजातीय मतों के साथ साथ जाट और मुस्लिम मतों के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी चुनावी ताल ठोक रही है। इस पार्टी में अपने जिला अध्यक्ष इंतजार अंसारी को अपना कैंडिडेट बनाया हुआ है।
सदर सीट पर मुस्लिम मतों में अंसारी समाज की वोटों का एक बड़ा हिस्सा है, अगर इंतजार अंसारी अपने सजातीय अंसारी मतों के साथ-साथ असदुद्दीन ओवैसी के बोलने के अंदाज से प्रभावित युवाओं के एक बड़े तबके में सेंध लगाते हैं तो सपा रालोद गठबंधन के प्रत्याशी सौरभ स्वरूप के चुनाव की डोर की इंतजार अंसारी का चुनाव निशान पतंग काट सकता है
इससे पहले भी साल 2012 के चुनाव में पीस पार्टी से सलीम अंसारी चुनाव लड़े थे तब समाजवादी पार्टी से सौरभ स्वरूप के पिता स्वर्गीय चितरंजन स्वरूप प्रत्याशी थे । उस चुनाव में भी सलीम अंसारी को अंसारी बिरादरी की लगभग 8000 वोट मिली थी। उसमें जीत भले ही चितरंजन स्वरूप की हुई हो लेकिन चुनाव के अंत तक सलीम अंसारी ने चितरंजन स्वरूप को टेंशन में रखा हुआ था। ऐसे जब असदुद्दीन ओवैसी जैसे बड़े चेहरे की पार्टी पर इंतजार अंसारी चुनाव लड़ रहे हैं तो क्या इससे सौरभ स्वरूप को नुकसान होगा यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा।