झूठ और छल फरेब भाजपा का एजेंडा: अखिलेश
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि झूठ और छल फरेब भाजपा-आरएसएस का एजेंडा है
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि झूठ और छल फरेब भाजपा-आरएसएस का एजेंडा है और तथ्यों को झुठलाकर, अपनी वाहवाही करने में भाजपा नेतृत्व को जरा भी संकोच नहीं होता है।
श्री यादव ने बुधवार को जारी एक बयान मेंं कहा कि भाजपा मूलतः पूंजीपतियों की पोषक पार्टी है। इसलिए गांव-गरीब की समस्याओं पर उसका ध्यान नहीं जाता है। किसान भाजपा राज में कर्ज तथा महंगाई की मार से परेशान होकर आत्महत्या करने को मजबूर हुआ है। सरकार ने किसानों की मदद करने के बजाय धोखा दिया है।
उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कृषक विरोधी रवैया का शर्मनाक नमूना अभी लखीमपुर खीरी में देखने को मिला है जहां भारतीय किसान यूनियन (टिकैत ग्रुप) के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह के वाहन पर दो बाइक सवारों ने गोलियां चलाईं। दिलबाग सिंह 3 अक्टूबर 2021 को हुए तिकोनिया काण्ड, जब केन्द्रीय राज्य मंत्री के बेटे द्वारा जीप से किसानों को कुचला गया था, के गवाह भी हैं। हमले की इस घटना में वे बाल-बाल बच गए। हमलावर उनकी हत्या करना चाहते थे। क्या यही जीरो टॉलरेंस है भाजपा सरकार का।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने पांच साल पहले अपने चुनाव घोषणा-पत्र, जिसे संकल्प-पत्र नाम दिया गया था, में किसानों की आय दुगनी करने का वादा किया गया था। यह संकल्प 2022 में पूरा हो जाना चाहिए परन्तु आज तक भाजपा सरकार उस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी। भाजपा लगातार किसानों से झूठे वादे करके जनता की निगाह में अपनी विश्वसनीयता खो रही है।
मुख्यमंत्री गन्ना किसानों की मदद का दावा जोरशोर से करते हैं लेकिन आज भी उनकी सरकार यह नहीं बताती कि अभी सहकारी और निजी चीनी मिलों पर किसानों का कितना धन बकाया है। हजारों करोड़ रूपये के बकाये को छुपाने के लिए भाजपा सरकार आंकड़ों का मकड़जाल बिछा रही है। गन्ना किसानों को समय से भुगतान का नियम भाजपा को रास नहीं आता हैं क्योंकि वह चीनी मिल मालिकों की सुविधा देखती है।
अन्ना पशु किसानों की फसल को बड़े पैमाने पर बर्बाद करते रहे हैं। भाजपा सरकार उस ओर से अपनी आंखे मूंदे हुए है। आवारा जानवरों के हमलों से सैकड़ों लोग मौत के मुंह में चले गए। गौ-माता के नाम पर अपनी राजनीति करने वाली भाजपा सरकार गौ-वंश की रक्षा में अक्षम्य लापरवाही बरत रही है।
वार्ता