अखिलेश ने कसा तंज- भाजपा सरकार के झूठ की खुल गई है कलई
अखिलेश यादव ने कहा कि छह साल से भाजपा सरकार द्वारा छुपाई गई भ्रष्टाचार की परतें एक-एक कर खुलने लगी है
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरूवार को कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपने झूठ के ताने बाने से लोगों को भ्रमित करने की चाहे जितनी कोशिशें कर लें अब जनता के बीच उसकी कलई खुल चुकी है।
अखिलेश यादव ने आज यहां कहा कि छह साल से भाजपा सरकार द्वारा छुपाई गई भ्रष्टाचार की परतें एक-एक कर खुलने लगी है। जनता भाजपा से त्रस्त है। भाजपा सोचती है कि हर समस्या का समाधान विज्ञापन होर्डिंग और बोर्ड लगाने से हो जाता है पर ऐसा नहीं है। सच्चाई कभी छुपती नहीं है।
उन्होंने कहा कि अरबों के निवेश का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश की सरकार 'काऊ मिल्क प्लांट' का बजट तक नहीं दे पा रही है, जिससे डेयरी संचालक और पशुपालकों का लाखों का भुगतान अटका है। ऐसे में कौन 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के दावों को सच मानेगा। सरकार अपना लगाया प्लांट ही नहीं चला पा रही है तो दूसरों को क्या कहे।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में पशुओं के नाम पर भी भ्रष्टाचार हुआ है। सीतापुर में प्रशासन ने 26 पशुबाडे़ बनाकर 46 दिखा दिए 21 सिर्फ कागज पर ही बने हैं। सीतापुर जिले के कसमंडा के बरेठी ग्राम पंचायत में पशु बाड़े में भूसा भर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा घोटाला तो सड़कों पर गड्ढे भरने के मामले में हुआ है। प्रतापगढ़ में डेढ़ करोड़ की लागत से बन रही सड़क पर झाडू लगाते ही गिट्टियां उखड़ने लगी है। कोडरा-भादूपुर से बहुचरा मार्ग बनते ही उखड़ने के साथ ही इस मार्ग पर बने पुल की दीवारों में भी दरारें उभर आई है। सड़कों के गड्ढ़ों में मिट्टी भरकर बस औपचारिकता पूरी कर ली जाती है। पूरे प्रदेश में यही हाल है। कन्नौज में इत्र पार्क बनाने का समाजवादी सरकार के समय प्रस्ताव था। उन्होंने सवाल किया भाजपा सरकार छह साल में भी इसे क्यों नहीं शुरू कर पायी।
भाजपा सरकार को वास्तव में विकास से कुछ लेना देना नहीं है। वह विकास के नाम पर विनाश के बीज बोने में ही दिलचस्पी रखती है। जनता जान गई है कि भाजपा के रहते उसकी दशा सुधरने वाली नहीं है। मंहगाई, बेरोजगारी की मार से लोग परेशान हैं। भाजपा को सिर्फ सजावट करना और बड़े-बड़े विज्ञापन होर्डिंग से प्रचार के जरिए धोखे की राजनीति करना ही आता है।
वार्ता