भाजपाई आक्रोश में घिरी ममता

भाजपा के नेता देवेंद्र नाथ रे की संदिग्ध हालात में मौत ने कोरोना को पीछे छोड़ ममता बनर्जी की सरकार पर ताबड़तोड़ हमला बोल दिया है;

Update: 2020-07-16 12:45 GMT

लखनऊ। केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात के बाद विजयवर्गीय ने प्रेस से कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल में बीजेपी के एक प्रमुख पार्टी के रूप में उभरकर आने से असहज हैं। राज्य में पुलिस का अपराधीकरण हो गया है और सरकारी मशीनरी का पूर्ण रूप दुरुपयोग हो रहा है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि शाह ने रे की मौत पर पश्चिम बंगाल पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। बंगाल से सांसद सुप्रियो ने आरोप लगाया कि रे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मनगढंत है।

पश्चिम बंगाल में जब कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक मामलों में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है, तब भाजपा के नेता देवेंद्र नाथ रे की संदिग्ध हालात में मौत ने कोरोना को पीछे छोड़ ममता बनर्जी की सरकार पर ताबड़तोड़ हमला बोल दिया है। भाजपाई आक्रोश ने दिल्ली में राष्ट्रपति भवन तक दस्तक दी है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी शिकायत की गयी और मामले की जांच कराने की मांग जोर पकड़ रही है। भाजपाई धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं। उधर, 15 जुलाई को पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,589 मामले सामने आये हैं, जो संक्रमितों की अब तक की सबसे अधिक संख्या है। अब संक्रमितों की संख्या बढ़कर 34,427 हो गयी है। वहीं, एक दिन में राज्य में 20 लोगों की मौत हुई है। अब तक 1000 लोगों की मौत हो चुकी है। भाजपा नेता की संदिग्ध मौत, जिसे भाजपाई हत्या बता रहे हैं, उसके पीछे एक हजार लोगों की मौत को नजरअंदाज कर दिया गया है।

पश्चिम बंगाल में सीपीआई और कांग्रेस की यात्रा करते बीजेपी में आए नेता देबेंद्र नाथ रे की संदिग्ध मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा ने 14 जुलाई को इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दरवाजे पर दस्तक दी और पूरे मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की। महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और माकपा से बीजेपी में आने वाले नेता रे की मौत की जांच के लिए सीबीआई जांच शुरू करने का आग्रह किया। गौरतलब है कि हेमताबाद सीट से विधायक देबेंद्र नाथ रे को 13 जुलाई को उत्तर दिनाजपुर जिले में उनके आवास के पास एक बाजार में फंदे से लटका हुआ पाया गया था। उनके परिवार और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने इसे तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा की गई जघन्य हत्या करार दिया है।

देबेंद्र नाथ रे ने अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हेमताबाद सीट से 2016 में विधानसभा चुनाव लड़ा था। वह सीपीएम के टिकट पर चुनाव लड़े थे और जीते थे। कांग्रेस ने भी देबेंद्र नाथ रे का समर्थन किया था लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद देबेंद्र नाथ रे ने सीपीएम छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे।

पश्चिम बंगाल में भाजपा का मोर्चा संभाले कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं । उन्होंने गृह मंत्री से विधायक रे की मौत की जांच के आदेश देने का आग्रह किया है। केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात के बाद विजयवर्गीय ने प्रेस से कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल में बीजेपी के एक प्रमुख पार्टी के रूप में उभरकर आने से असहज हैं। राज्य में पुलिस का अपराधीकरण हो गया है और सरकारी मशीनरी का पूर्ण रूप दुरुपयोग हो रहा है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि शाह ने रे की मौत पर पश्चिम बंगाल पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। बंगाल से सांसद सुप्रियो ने आरोप लगाया कि रे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मनगढंत है। पुलिस और राज्य के गृह सचिव इस मामले में अलग-अलग बयान दे रहे हैं। दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्टा और राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की और सीबीआई जांच और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी विधायक देवेंद्र नाथ रॉय की कथित हत्या की सीबीआई जांच की मांग करते हुए 15 जुलाई को पश्चिम बंगाल के पुलिस थानों के सामने प्रदर्शन किया। ममता बनर्जी सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल को पुलिस राज में तब्दील करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश भाजपा महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले की सच्चाई को छिपाने का प्रयास कर रही है, जिसमें दावा किया गया है कि यह आत्महत्या से मौत थी।

बालीगंज पुलिस स्टेशन के सामने प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए भाजपा महिला मोर्चा (पश्चिम बंगाल इकाई) के अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल ने दावा किया कि आत्महत्या की कहानी में कई खामियां पुलिस और प्रशासन द्वारा सामने रखी गयीं। कोलकाता के विभिन्न पुलिस स्टेशनों, विधाननगर (साल्टलेक) और राज्य के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन हुए। विधाननगर के पूर्व टीएमसी मेयर सव्यसाची दत्ता, उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार सहित अन्य ने प्रदर्शन किया। राज्य भाजपा नेतृत्व ने दावा किया कि यह हत्या का मामला है। पुलिस इसे आत्महत्या करार दे रही है। श्री रे की हत्या का आरोप लगाते हुए भाजपा ने 14 जुलाई को उत्तर बंगाल में 12 घंटे का बंद बुलाया था। भाजपा नेता के परिवार ने भी इस घटना की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि उन्हें संदेह है कि उनकी हत्या की गयी है।

पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के हेमताबाद के विधायक देवेंद्र नाथ रे की मौत के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने 14 जुलाई की शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और उन्हें पूरी स्थिति की जानकारी दी। भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के भाजपा नेताओं के साथ वहां की अराजक स्थिति को लेकर राष्ट्रपति के बाद गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हुई। उन्हें राज्य में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हो रही हिंसक वारदातों की जानकारी दी गयी है।उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब करेंगे। ममता सरकार में राज्य की ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है कि राज्य में धारा 356 लगाना बहुत जरूरी हो गया है। उन्होंने ममता सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि अब सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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