बर्थडे स्पेशल- मुकुट के तीसरी बार MLA बनने पर BJP ने बनाया काबीना मंत्री

सहकारिता विभाग के कैबिनेट मंत्री एवं कैसरगंज विधानसभा सीट से विधायक के बर्थडे पर पेश की खोजी न्यूज़ की स्पेशल स्टोरी

Update: 2020-12-28 08:47 GMT

लखनऊ। किसान परिवार में जन्मे मुकुट बिहारी वर्मा का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा। प्रारम्भिक शिक्षा के बाद उन्होंने एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण की। एडीजीसी अपराध के पद का निर्वहन भी उन्होंने बखूबी किया। शिक्षा के दौरान ही वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संपर्क में आ गये और समाजसेवा के क्षेत्र में कदम रखा। उन्हें संघ में रहते हुए अनेक जिम्मेदारियां दी गईं, जिसका वे पूर्ण रूप से पालन करते रहे। उनकी निष्ठा को देखते हुए उन्हें भाजपा का जिलाध्यक्ष भी चुना गया। इमरजेंसी के वक्त भूमिगत रहकर बहराइच में लोकतंत्र रक्षा आंदोलन में सहभागी बनने पर पुलिस ने उनके घर तक को कुर्क कर लिया, लेकिन मुकुट बिहारी वर्मा को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। इसके बाद उन्हें भयानक दुर्घटना का भी सामना करना पड़ा। लेकिन बुलंद हौंसलों के आगे विपत्तियां उन्हें बौनी ही नजर आई।


भाजपा ने उन्हें 1996 में विधानसभा टिकट दिया, लेकिन इस बार वे बहुत कम वोटों से हार गए, बावजूद इसके उनके जज्बे में कोई कमी नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने तीन बार विधानसभा की सदस्यता ग्रहण की। इतना ही नहीं, तीसरी बार जीत दर्ज करने पर मुख्यमंत्री ने उन्हें कैबिनेट मंत्री के ताज से नवाजा। उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारिता विभाग के कैबिनेट मंत्री एवं कैसरगंज विधानसभा सीट से विधायक मुकुट बिहारी वर्मा के बर्थडे पर पेश की खोजी न्यूज़ की स्पेशल स्टोरी....


मुकुट बिहारी वर्मा ने उत्तर प्रदेश के जनपद बहराइच में स्थित गांव मदरिया में एक किसान के परिवार में 28 दिसम्बर 1945 को जन्म लिया था। उनके पिता का नाम रामसुख वर्मा है। उन्हने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पैतृक गांव मदरिया से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित एक प्राथमिक विद्यालय से ग्रहण की। उसके बाद सन् 1971 में लखनऊ विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. की परीक्षा उत्तीर्ण करके बहराइच में वकालत शुरू की थी। मुकुट बिहारी वर्मा का विवाह 6 जून 1962 को सावित्री के साथ हुआ था। इनके दो पुत्र और तीन पुत्रियां हैं।


वर्ष 1962 में वे जब हाईस्कूल में थे, तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सम्पर्क में आयेे। बहराइच और लखनऊ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनेक दायित्वों के साथ ही संघ के नगर कार्यवाह की जिम्मेदारी का निर्वहन किया था। सन् 1975 में इमरजेंसी के वक्त भूमिगत रहकर बहराइच में लोकतंत्र रक्षा आंदोलन के सहभागी रहे। मुकदमे में फरार रहने पर पुलिस ने उनका मकान कुर्क कर लिया, लेकिन उन्हें अरेस्ट नहीं कर सकी। सन् 1977 में उक्त मुकदमा वापस हुआ। इसी वर्ष उन्होंने जिला कार्यवाह की भी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। सन् 1978 मे एडीजीसी (अपराध) के पद पर नियुक्ति हुई। इसके बाद मुकुट बिहारी वर्मा साल 1985 में भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री बने। मुकुट बिहारी वर्मा को पांच साल बाद साल 1990 में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष एवं किसान मंडी समिति के अध्यक्ष का जिम्मा मिला। सन् 1994 में तत्कालीन अवध क्षेत्र, जो श्रावस्ती से झांसी तक था, उसमें सदस्यता प्रमुख की जिम्मेदारी निभाने का मौका मिला। इसी साल प्रवास के समय उनका लखनऊ जनपद के गांव 'बनी' में गंभीर एक्सीडेंट हुआ था।


मुकुट बिहारी वर्मा को साल 1996 में भाजपा ने कैसरगंज विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया, लेकिन 234 वोटों से वे हार गये। वर्ष 2002 में भाजपा ने मुकुट बिहारी वर्मा पर फिर से भरोसा जताते हुए टिकट दिया था, इस बार वे पार्टी के भरोसे पर खरे उतरे और जीत हासिल की। इसके बाद सन् 2009 में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष के पद पर उन्हें दायित्व सौंपा गया। मुकुट बिहारी वर्मा सन् 2012 में कैसरगंज विधानसभा से सदस्य के रूप में चुन गये थे। भाजपा ने कैसरगंज विधानसभा सीट से साल 2017 में फिर मुकुट बिहारी वर्मा को चुनावी रण में उतारा। उनके सामने बसपा ने अपने प्रत्याशी के रूप में खालिद खान को उतारा था। कैसरगंज विधानसभा सीट पर कुल 371265 मत पड़े, जिसमें 209536 लोगों ने मतदान किया था। भाजपा प्रत्याशी मुकुट बिहारी वर्मा ने बसपा प्रत्याशी खालिद खान को 27363 वोटों से मात देते हुए 85,212 वोट पाकर चुनावी रण में जीत हासिल की थी। बसपा के प्रत्याशी को 57849 वोट मिले थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुकुट बिहारी वर्मा को तीसरी बार विधायक बनने पर उनके सर पर काबीना मंत्री का मुकुट लगा दिया। उनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रीमंडल में सहकारिता विभाग के कैबिनेट मंत्री का दायित्व सौंपा था।


प्रकृति प्रेमी हैं मुकुट बिहारी वर्मा

पर्यावरण को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के लिए वृक्षारोपण अत्यंत ही आवश्यक है। वृक्षारोपण कार्यक्रम आज के परिवेश में जन आंदोलन बनाने की जरूरत है। लोगों को जागरूक करने हेतु जन जागृति अभियान चलाया जाना चाहिए, जितनी ज्यादा हरियाली विकसित होगी, उतना ही अधिक स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण तैयार होगा। ये विचार उनके प्रकृति प्रेमी होने का सबूत है, जो कि उन्होंने न्यू हैदराबाद निशातगंज के परिसर में पीपल व आम के वृक्ष को रोपित करने के उपरान्त व्यक्त किये थे। उन्होंने कहा था कि मानव होने के नाते हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम पेड़ों को बचायें और अधिक से अधिक पेड़ लगाये।


मुख्यमंत्री को दी 1 करोड 11 लाख 65 की धनराशि

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम द्वारा अर्जित किये गये लाभांश रूपये 1,11,65,000 का चेक भेंट किया। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आंतकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में निगम कार्मिकों के एक दिन के वेतन की कुल धनराशि रूपये 12,47,732 का चैक उनके द्वारा दिया गया।



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