बिना घमंड के बात सुने केंद्र सरकार,विपक्षी पार्टिया देशहित में : अशोक गहलोत
लोकतंत्र में आलोचना करना कोई बुरी बात नहीं है बल्कि सरकार के हित में होता है।
जयपुर । बेरोजगारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार को ''बिना किसी घमंड के विपक्ष की बात भी सुननी चाहिए" अशोक गहलोत ने आगे कहा, ''केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह घमंड को सामने ना रखे बल्कि सोचें कि विपक्षी पार्टिया जो कह रही हैं वह देश के हित में कह रही हैं।''
सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस पार्टी के 'स्पीक अप फॉर जॉब' अभियान के तहत एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा कि, लोकतंत्र में आलोचना करना कोई बुरी बात नहीं है बल्कि सरकार के हित में होता है। अगर केंद्र सरकार उसे सकारात्मक रूप से ले। लेकिन दुर्भाग्य से हमारे देश के प्रधानमंत्री और उनकी पूरी टीम, उनकी वित्त मंत्री चिंता ही नहीं कर रहे कि विपक्ष कह क्या रहा है। इसी कारण आज स्थिति बिगड़ती जा रही है।''
#SpeakUpForJobs पूरे देश के युवाओं को एक सन्देश है। सरकार के सामने एक बहुत बड़ा क्वेश्चन मार्क है, 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रति वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया गया था और दुर्भाग्य से लगातार आर्थिक स्लोडाउन हुआ, कोरोना आ गया, अर्थव्यवस्था पूरी पटरी से उतर गई। pic.twitter.com/QPdokq9Kky
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 10, 2020
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि देश के मौजूदा हालात में सर्वोच्च प्राथमिकता युवाओं को रोजगार देने की होनी चाहिए और उनका मानना है अगर अब भी केंद्र सरकार गंभीर नहीं हुई तो इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे। अशोक गहलोत ने कहा कि जब 2014 में मोदी सरकार बनी थी, उस समय हर वर्ष दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया गया था जो अब सरकार के सामने बहुत बडा सवाल है।
सीएम अशोक गहलोत के मुताबिक, ''दुर्भाग्य से लगातार आर्थिक मंदी रही और कोविड-19 आ गया। अर्थव्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई। हालात ये हैं कि आज युवाओं में हाहाकार मचा हुआ है। असंगठित क्षेत्र दुखी है। युवा रोजगार के लिये दर-दर भटक रहा है, नौकरियां मिल नहीं रहीं, नौकरियां जा रही हैं। यह सिलसिला कब रूकेगा, यह चिंता का विषय बना हुआ है,हम सबके लिये।''
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जब तक अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं आएगी, तब तक राज्यों और केंद्र में लोगों को रोजगार देना संभव नहीं होगा। लेकिन इस बारे में केंद्र सरकार में इस स्तर पर कोई सोच नहीं रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण से आज युवाओं में कुंठा जाग्रत हो रही है।