ख्वाजा साहब की महाना छठी मनाई गई
छठी की रस्म का आगाज सुबह नौ बजे दरगाह परिसर स्थित आहता-ए-नूर में छठी की फातिहा के कार्यक्रम के साथ कुरान की तिलावत से शुरू हुआ।
अजमेर। राजस्थान के अजमेर में जमादिउल अव्वल माह के मौके पर आज सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की महाना छठी मनाई गई।
छठी की रस्म का आगाज सुबह नौ बजे दरगाह परिसर स्थित आहता-ए-नूर में छठी की फातिहा के कार्यक्रम के साथ कुरान की तिलावत से शुरू हुआ। खुद्दाम-ए-ख्वाजा की अंजुमन कमेटी के वाशिंदों ने ख्वाजा साहब की शान में नात एवं मनकबत पेश किए। ख्वाजा साहब की जीवनी एवं शिक्षाओं का बयान कर देश में खुशहाली, तरक्की, भाईचारा तथा एकबार फिर कोरोना मुक्ति के लिए दुआ की।
छठी में शिरकत करने के लिए जायरीनों की आवक सोमवार से ही शुरू हो गई थी और आज छठी के एक घंटे के कार्यक्रम के दौरान दरगाह में अकीदतमंदों की व्यापक रौनक दिखाई देने लगी। तेज सर्दी के बावजूद आशिक-ए-ख्वाजा की आस्था बरकरार रही। बाद में उपस्थित अकीदतमंदों एवं जायरीनों मे तवर्रुक भी तकसीम किया गया।
ख्वाजा साहब के 809वें सालाना उर्स में अब केवल डेढ़ माह का समय रह गया है। आगामी 12 फरवरी को उर्स का झंडा चढ़ेगा लेकिन कोरोना और कोरोना की नई लहर के मद्देनजर सरकार की सख्ती के चलते सालाना उर्स को लेकर चर्चाएं है। इस बीच अंजुमन कमेटी के पूर्व सदर सैयद गुलाम किबरिया एवं पूर्व सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने सरकार से दरगाह में जायरीनों की ओर से पेश किए जाने वाले फूल, चादर, ईत्र, तवर्रुक आदि पर लगी रोक को हटाने की मांग की है।