पंचायत चुनाव में कांग्रेस का जलवा-बढी सीएम की साख
पंचायत समितियों में कांग्रेस ने 670, भाजपा ने 551, निर्दलीय 290, रालोपा 40 एवं बसपा को 11 वार्डों में जीत हासिल हुई हैं।
जयपुर । राजस्थान के छह जिलों में हुए जिला परिषद एवं पंचायत समिति के चुनाव में कांग्रेस के बाजी मार लेने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की साख बढ़ी हैं।
हालांकि विपक्ष में रहते भारतीय जनता पार्टी भाजपा के कांग्रेस से परिणामों में ज्यादा नहीं पिछड़ने एवं अपने क्षेत्र की दो पंचायतों में एक पर जीत एवं एक पर बराबर रहने से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां भी अपनी चुनावी साख बचाने में कामयाब रहे लेकिन जोधपुर में भाजपा के हार जाने से केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह अपनी चुनाव प्रतिष्ठा बचाने में सफल नहीं हुए।
राज्य के जयपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर, दौसा, भरतपुर एवं सिरोही जिलों में हुए इन चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा के गढ़ जयपुर एवं जोधपुर जिला परिषदों में सेंध लगाकर कब्जा जमाया तथा सवाईमाधोपुर एवं दौसा में अपना फिर से बोर्ड कायम करने में सफल रही इससे श्री गहलोत की प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ उनके गृह जिले जोधपुर में भाजपा को हराने से उनकी चुनावी साख बढ़ी है।
श्री गहलोत के अलावा कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया के क्षेत्र में जयपुर जिले के झोंटवाड़ा एवं जोबनेर दोनों पंचायत समितियों में कांग्रेस के जीत हासिल करने, उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा के दौसा जिले में उनके क्षेत्र लालसोट एवं रामगढ पचवारा में कांग्रेस की जीत होने पर उनकी चुनावी साख भी बढ़ी है और अपने काम पर खरे उतरे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने अपने क्षेत्र में दो में से एक पंचायत समिति में ही कांग्रेस को जीत दिला सकी जबकि गृह राज्य मंत्री भजनलाल जाटव भरतपुर जिले में अपने क्षेत्र की दोनों पंचायत समितियों में अपनी पार्टी को जीत नहीं दिला सके वहीं राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव जयपुर जिले के कोटपूतली क्षेत्र में कांग्रेस के पिछड़ जाने से वह खरे नहीं उतर सके। इनके अलावा इन चुनावों में कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों में अधिकतर अपनी चुनाव प्रतिष्ठा बचाने में कामयाब रहे, लेकिन सरकार समर्थक निर्दलीय विधायकों के इलाकों में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा है।
सरकार का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायकों के क्षेत्रों में बस्सी से निर्दलीय विधायक लक्ष्मण मीणा की दो में एक पंचायत समिति में कांग्रेस ने जीत हासिल की है जबकि सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा, दूदू विधायक बाबूलाल नागर और गंगापुर विधायक रामकेश मीणा, महुवा निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला एवं शाहपुरा निर्दलीय आलोक बेनीवाल के क्षेत्र में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला है।
इन चुनावों में छह जिलों के भाजपा सांसदों में भरतपुर से रंजीता कोली एवं सिरोही से देवजी पटेल के क्षेत्र में भाजपा को जीत मिली हैं। हालांकि भरतपुर में भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला उसे 37 में से 17 वार्डों में जीत हासिल हुई जबकि जोधपुर से केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, जयपुर में रामचरण बोहरा, सवाईमाधोपुर से सुखबिर सिंह जौनपुरिया एवं दौसा सांसद जसकौर मीणा के क्षेत्र में भाजपा को इन चुनावों में बहुमत नहीं मिला है। उल्लेखनीय है कि इन जिलों में पिछली बार जोधपुर, जयपुर, सिरोही भरतपुर में भाजपा तथा सवाईमाधोपुर एवं दौसा जिला परिष्द में कांग्रेस का बोर्ड था।
इन चुनावों में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) ने भी अपनी पहचान कायम की और उसने 78 पंचायत समितियों के 1564 वार्ड में 40 सीटें जीतकर अपनी मौजदूगी दिखाई हैं। नागौर सांसद एवं रालोपा के संयोजक ने पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह पार्टी खड़ी की थी। इन चुनावों में कांग्रेस को जिला परिषद में 200 वार्ड में 99 तथा भाजपा को 90 एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को तीन तथा आठ सीटें निर्दलीयों ने जीती है। इसी तरह पंचायत समितियों में कांग्रेस ने 670, भाजपा ने 551, निर्दलीय 290, रालोपा 40 एवं बसपा को 11 वार्डों में जीत हासिल हुई हैं।